साल 2023 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा भारत देश

भारत की अर्थव्यवस्था बीते कुछ समय में तेजी के साथ मजबूत होती नजर आई है। जहाँ एक तरफ वैश्विक अर्थव्यवस्था के कदम भी डगमगाने की खबरें सामने आई। तो वहीं ऐसी स्थिति में भी भारतीय अर्थव्यवस्था अपने पैर जमाए खड़ी हुई है। इसी बीच अब भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी यह भरोसा जताया है कि साल 2023 के दौरान भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने वाला है। चालू वित्त वर्ष की बात करें तो अर्थव्यवस्था की दर 6.5 प्रतिशत रहने वाली है। चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

क्या कहते हैं शक्तिकांत दास?

दरअसल लंदन में सेंट्रल बैंकिंग के द्वारा आयोजित की गई समर मीटिंग के दौरान आरबीआई के गवर्नर ने ना केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बताया। बल्कि साथ ही यह भी कहा कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी की उम्मीदें हैं। उन्होंने यह संभावना भी जताई कि दुनिया की सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में एक नाम भारत का भी शामिल होने वाला है। शक्तिकांत दास के अनुसार साल 2020-21 के दौरान देश की अर्थव्यवस्था ने 5-8 फीसदी के संकुचन से 2021-22 में 9.1 फीसदी की बढ़त हासिल की है। जबकि साल 2022-23 में यह दर 7.2 फीसदी रही है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि इस साल में यह दर 6.5 फीसदी रहने वाली है।

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क्या है इस वृद्धि का कारण?

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय के दौरान देश में बैंकिंग, डिजिटलीकरण, विनिर्माण, श्रम आदि क्षेत्रों जैसे सुधारों को सुचारू रूप से लागू किया गया है। जिसके चलते विकास में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके अलावा सरकार के द्वारा पूंजीगत व्यय पर लगातार जोर दिया जा रहा है। जिसके चलते कॉर्पोरेट निवेश में मजबूती आ रही है। यही नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था ने खुलेपन में भी लाभ कमाया है, नतीजन वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था का एकीकृत होना देखा गया है। यही कारण है कि दुनिया के बड़े देशों की अर्थव्यवस्था के कमजोर होने के बावजूद भी भारत की स्थिति मजबूत हुई है।

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