दुर्ग(एजेंसी)। अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती छात्रा से गैंगरेप के मामले में दो कांस्टेबल और एक डॉक्टर को उम्रकैद की सजा मिली है। दो साल तक पीड़िता न्याय के लिए भटकती रही, लेकिन न्याय की आस नहीं मिलने की दर से पीड़िता युवती ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। इसके बाद से ही मामला न्यायालय में था।
घटना साल 2014 की है जब अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान गैंगरेप की ये वारदात हुई थी। इस मामले में एफआईआर के बाद से ही छात्रा को डॉक्टर व आरक्षक की तरफ से जान मारने की धमकी दी जा रही थी। छात्रा ने 29 जनवरी 2016 को खुदकुशी की थी, जबकि उसके साथ साल 2014 में रेप की घटना हुई थी। इस मामले में आरोपी बनाये गये दोनों आरक्षक चंद्रप्रकाश भक्ता और गौतम पंडित के साथ-साथ डाक्टर गौतम पंडित को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है।
क्या है पूरा मामला पढ़िए
इससे पहले दोनों आरक्षकों को विभाग ने बर्खास्त कर दिया था। लाल बहादुर शास्त्री शासकीय हॉस्पिटल सुपेला में जून-2014 में भर्ती रहने के दौरान नशे का इंजेक्शन देकर कॉलेज छात्रा से दो आरक्षकों और डॉक्टर ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। आरोपी उसे वीडियो क्लिपिंग के नाम से ब्लेकमेल भी करते रहे। करीब 6 माह बाद जनवरी-2015 में उसके साथ फिर जबरदस्ती की गई थी। कॉलेज से घर लौटते समय उसे आरोपी जबरन उठाकर ले गए और सूनसान जगह पर दुष्कर्म किया और देर रात उसे पावर हाउस चौक पर छोड़कर भाग गए थे। इसके बाद परिवारवालों के साथ उसने पुलिस में मामला दर्ज करवाया था। अपने सुसाइड लेटर में भी लडकी ने सौरभ भक्ता, गौतम पंडित और चंद्रप्रकाश पाण्डेय को जिम्मेदार बताते हुए फांसी लगा ली थी।