Johar36garh (Web Desk)| अहमदाबाद से छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को लेकर आज सुबह श्रमिक स्पेशल ट्रेन बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंची| जिसमें जांजगीर जांजगीर जिला के लगभग 200 श्रमिक शामिल थे | जिन्हें बसों के माध्यम से अकलतरा में बनाए गए क्वारेंटीन सेंटर में पहुंचाने की तैयारी चल रही है | इससे पहले जो सूची मिली थी उसमे 53 लोगों के नाम थे, लेकिन मजदूरों के छटनी के दौरान इनकी संख्या बढ़ कर 200 पहुंच गई थी|
कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने इन श्रमिकों को बिलासपुर से जांजगीर-चांपा जिला लाने के लिए बसों की ब्यवस्था के साथ स्वास्थ्य, पुलिस, प्रशासन, खनिज, खाद्य आदि विभागों के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम की ड्यूटी लगाई गई थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा इन श्रमिकों का बिलासपुर रेलवे स्टेशन में थर्मल स्केनिंग किया गया। उसके बाद उन्हें जांजगीर-चांपा जिले के लिए बस से रवाना किया गया।
दो बसों की पहली खेप में जिले के करीब 80 लोगों को रवाना किया गया। डिप्टी कलेक्टर करुण डहरिया ने बताया कि 60 लोगों को दो बसों में रवाना करने के बाद करीब 150 यात्री और बचे हैं, जिन्हें जांजगीर-चांपा जिला में बनाए गए क्वारेंटीन सेंटर में ठहराया जाएगा। कलेक्टर ने क्वारेंटीन सेंटर में श्रमिकों के लिए आवास, भोजन, पेयजल आदि की समुचित प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश एसडीएम जांजगीर को दिए हैं। अमदाबाद से श्रमिक स्पेशल ट्रेन पहुॅचे जिले के श्रमिकों के लिए नाश्ता, पेयजल आदि की समुचित व्यवस्था की गई ।
गुजरात में पिछले दो माह से लॉकडाउन के कारण फंसे मजदूरों को लेकर छत्तीसगढ़ की पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन आज सुबह बिलासपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर पहुंची। शारीरिक दूरी की प्रक्रिया अपनाते हुए उनकी स्वास्थ्य जांच की जा रही है। साथ ही उनको स्टेशन से बाहर ले जाने के लिए जिला प्रशासन सहित के विभिन्न विभागों के अधिकारी स्टेशन पर मौजूद हैं। इन श्रमिकों को घर ले जाने के बसों की व्यवस्था की गई, जहां से उन्हें जांजगीर-चांपा जिले में क्वारांटीन पर रखने की तैयारी भी कर ली गई है। यह ट्रेन अहमदाबाद से गोधरा, रतलाम, बीना, कटनी, पेन्ड्रारोड से होते हुए बिलासपुर पहुंची।
अहमदाबाद से रविवार की शाम यह ट्रेन चली थी और आज सोमवार को सुबह 10 बजे के पूर्व ही बिलासपुर पहुंच गई। देश के विभिन्न स्थानों पर फंसे मजदूरों को छत्तीसगढ़ के लिए चलने वाली 15 ट्रेनों में से यह पहली श्रमिक स्पेशल ट्रेन थी। स्टेशन पर मजदूरों को बारी-बारी, एक-एक डिब्बे छोड़कर उतारा गया। प्लेटफार्म पर उतरते ही यात्रियों को सैनेटाइज किया गया। द्वितीय श्रेणी यात्री प्रतीक्षालय के एक हिस्से को स्वास्थ्य जांच केन्द्र के रूप में परिवर्तित किया गया था। जहां पर प्रत्येक यात्री के स्वास्थ्य की जांच थर्मल स्कैनिंग के जरिये की गई। ऐसे प्रत्येक व्यक्ति का सैम्पल लिया गया है, जिन्हें सर्दी, खांसी या बुखार की शिकायत है।