नवजात बच्चे के रोने पर 3 नर्सों ने मुंह में लगा दिया टेप, 8 माह बाद पुलिस ने किया केस दर्ज

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मुबई के बदलापुर में एक महिला ने दावा किया है कि 2 जून 2023 को उन्होंने अपने नवजात बेटे को बीएमसी के अस्पताल मे भर्ती कराया था। इस दौरान उसके रोने पर अस्पताल की 3 नर्सों ने बच्चे के मुंह पर टेप लगा दिया था।

इसको लेकर अब 8 महीने बाद मामला दर्ज किया गया है। तीनों नागरिक निकाय ने किशोर न्याय अधिनियम के तहत बच्चों के प्रति क्रूरता के आरोपित तीनों ही नर्सों को क्लीन चिट मिल गई थी। इसके चलते बच्चे के पीड़ित परिवार ने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में अब संज्ञान लेकर पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

 

बता दें कि बीएमसी के सावित्रीबाई फुले प्रसूति अस्पताल की तीनों ही नर्से सविता भोईर, श्वेता और श्रद्धा पर बच्चे के रोने पर मुंह बंद करने के आरोप लगे थे। इस बच्चे की मां प्रिया कांबले के मुताबिक घटना 2 जून 2023 की है, जब एनआईसीयू में बच्चे भर्ती था तो वह उसे दूध पिलाने गई थी और उसने देखा कि नर्सों में एक ने बच्चे के मुंह पर पर चिपकाने वाला टेप लगा दिया था।

 

कांबले ने अपने बयान में कहा कि जब श्वेता नाम की नर्स से इसको लेकर सवाल पूछा तो उसने जवाब दिया कि बच्चे के रोने के चलते उसका मुंह बंद किया गया था। इसको लेकर जब परिवार ने हंगामा किया तो डॉक्टरों ने भी अजीबोगरीब बयान देते हुए कहा कि टेप लगाना आम बात है। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल की नर्सों को ठीक से इंजेक्शन लगाना भी नहीं आता है क्योंकि इनके बच्चे के हाथ पर कई निशान भी थे, जो कि सवालिया निशान खड़े करता है। इसको लेकर पीड़ित ने बीजेपी पार्षद जागृति पाटिल से मदद मांगी थी और इसके बाद बीएमसी आयुक्त को पत्र लिखा गया था।

 

गौरतलब है कि नर्सों की लापरवाही का यह मामला चर्चा में तब आया जब वकील तुषार भोसले की सलाह पर बच्चे के परिजन महाराष्ट्र के राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई। आयोग ने दो बार सुनवाई की लेकिन कोई भी आरोपी नर्स पेश ही नही हुईं। इस बीच अस्पताल के डीन डॉक्टर चंद्रकांत कदम ने नवजात के मुंह पर कथित तौर पर टेप लगाने वाली नर्स सविता भोईर के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि नर्सों के खिलाफ अब सख्त एक्शन लिया जा सकता है।