Johar36garh (Web Desk)| छत्तीसगढ़ के बस्तर से अधिकांश मजदूर तेलांगाना, आंध्रा, तमिलनाडु जैसे राज्यों में काम की तलाश में निकले थे । लॉक डाउन के बाद से जो मजदूर इन राज्यों में काम की तलास में निकले थे आज वे मजदूर एक माह बीतने के बाद भी अपने राज्य वापस आ नही पा रहे है ऐसे ही आज सुकमा जिले के छिंदगढ़ विकास खंड सौतनार पंचायत के 17 मजदूर और कोंडागांव जिले के 28 मजदूर हैदराबाद से पैदल चल कर कोन्टा पहुँचे ।
मजदूरो का कहना है कि ये एक माह से मजदूरी किया हुआ पैसा से खा रहे थे और अंत मे पैसों की कमी और राशन खत्म होते देख सभी अपने घरों के लिए निकल पड़े मजदूरो ने बताया कि 22 अप्रेल से हैदराबाद के एलबी नगर से निकले है जो आज 26 अप्रेल शाम को छत्तीसगढ़ बॉर्डर कोन्टा पहुँचे जहाँ उन्हें राहत केंद्र में 14 दिन के लिए आईसोलेशन में रखा गया है । मजदूरो का कहना है कि ऐसे कई और भी मजदूर है जो हैदराबाद के आस पास फॅसे है कई लोगो की भूखे मरने की स्थिति आ गई है और कुछ लोग तो झारखंड पैदल जाने को भी तैयार है । ऐसे ही कल झारखंड के 14 लोग कोन्टा पहुँचे थे इन्हें भी आईसोलेशन में रखा गया है इसमे से कुछ लोग कहते है कि अगर लॉक डाउन खुल जाए तो पैदल झारखंड जाने के लिए तैयार है ।
जैसे कि तेलंगाना सरकार के आंकड़े बताते है कि अब तक 11सौ संक्रमित केस पाए गए है जिसमे कोरोना से 26 लोगो की मौत हुई है ऐसे हॉट स्पॉट कहे जाने वाले हैदराबाद से कई मजदूर कई महीनों से काम करने के बाद अब धीरे धीरे छत्तीसगढ़ की ओर वापसी हो रही है ऐसे में एहतियातन ऐसे मजदूरो से और भी आईसोलेशन में रखे कई लोगो को इनसे दूर ही रहना मुनासिब रहेगा पर कोन्टा राहत आईसोलेशन केंद्र में सभी को एक ही जगह रखा जाना खतरे को संकेत देता है हॉट स्पॉट से आने वालों पर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन गम्भीर नजर नही आ रही है । कोंटा पोटाकेबिन में पहले से 150 लोग है और आज 26 अप्रेल को कोंडागांव के 28 और छिंदगढ़ विकास खण्ड के 17 मजदूर हैदराबाद से आए है तो ऐसे में covid 19 डियूटी पर लगे पोटाकेबिन आश्रम अधीक्षक और कर्मचारी भी ऐसे रेड जोन से आये मजदूरो को रखने को कतरा रहे है ।।