Monday, December 23, 2024
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4 माह के 5 बच्चों को गर्म चूड़ियों से 51 बार दागा, 4 की मौत, 1 की हालत गंभीर 

आज का समाज जो आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रहा है उसी समाज में अभी भी कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां के लोगों की मानसिकता कुप्रथा को बढ़ावा देती है. ऐसी ही एक कुप्रथा मध्य प्रदेश के के शहडोल में अभी भी फॉलो जी जाती है जिसका प्रकोप देखने को मिला. इस कुप्रथा के कारण मासूम बच्चों की जान चली गई है. बीते 20 दिनों की बात करे तो, दगना की इस कुप्रथा के अब तक 5 मामले सामने आ चुके है जिसमें से 4 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं, एक बच्चे का इलाज गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज शहडोल में चल रहा है. सबसे पहले जानते हैं क्या है ये दगना प्रथा ?

दरअसल इस प्रथा में, बीमार होने पर छोटे छोटे बच्चों को ठीक करने के लिए गर्म चूड़ी से शरीर पर दाग लगाए जाते हैं. इसके पीछे का कारण एक पौराणिक प्रथा मानी जाती है. इसी प्रथा के कारण कई बच्चों की जान जा रही है. बताया जाता है कि 3 से 4 महीने के बच्चों को बीमारी से ठीक करने के लिए गर्म सरिए या गर्म चूड़ी से दाग लगाए जाते हैं.

अगर किसी मासूम बच्चे को निमोनिया होता है तो इलाज के नाम पर क्रूरता की जाती है. नवजात बच्चा, जिसके अंग अभी पूरी तरह से विकसित भी नहीं हो पाया, उसको प्रथा के नाम पर गर्म सरिया या चूड़ी से दगना कितना पीड़ा दायक होगा. माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चा ठीक हो जाता है. इलाज के नाम पर होने वाली इस क्रूरता के बाद बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं. ताजा मामला सोहागपुर ब्लाक के लालपुर गांव का हैं जहा दो महीने के महक को उसी की नानी ने जलती अगरबत्ती दे दाग दिया. गंभीर हालत में बच्चे का मेडिकल कालेज में इलाज किया जा रहा है.

कठौतिया गांव में 2 बच्चों को दाई ने गर्म चूड़ियों से दागा था जिसके बाद उनकी मौत हो गई. कठौतिया गांव में 2 बच्चों को दाई ने दागा जिसके कारण उनकी मौत हो गई. हरदी गांव में डेढ़ साल के मासूम को गर्म सलाखों से 51 बार दागा गया. मासूम ने इलाज के दौरान दम तोड़ा दिया. वहीं, मध्य प्रदेश के उपमुख्य मंत्री जगदीश देवड़ा से जब इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने कहा की ये बहुत गंभीर विषय है. इसे रोकने के लिए हम पूरा प्रयास करेंगे . जो लोग ऐसा करते है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करेंगे .

 

कुप्रथा का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने दगने वाले दाई के खिलाफ FIR दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया है. लालपुर गांव में महक के दगने का मामला जैसे से ही सामने आया तो कलेक्टर ने गांव पहुंचकर लोगों को इस कुरीति के प्रति जागरूक किया. बच्चे के परिजनों से मुलाकात कि और ऐसा कभी नहीं करने की सलाह दी. बुढ़ार पुलिस ने बच्चे के नानी के खिलाफ धारा 224 के अलावा ड्रग मैजिक अधिनियम के तहत FIR दर्ज किया गया है.

हालात इतनाी भयावह है कि शहडोल संभाग के तीन जिला शहडोल, उमरिया और अनूपपुर की स्थिति देखी जाए तो पिछले 5 साल में तीनों जिलों से लगभग 4 हजार बच्चे दगना कुप्रथा का शिकार हो चुके हैं. इनमें से लगभग 100 बच्चे अपनी जान तक गंवा चुके हैं.

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