JJohar36garh News|जांजगीर जिला के पामगढ़ ग्राम पंचायत पामगढ़ के बहुचर्चित और विवादित कॉम्प्लेक्स के मामले की जांच के लिए पामगढ़ एसडीएम द्वारा तहसीलदार की अगुवाई में 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है| जो 15 दिवस के अंदर जाँच कर अपना जवाब पेश करेंगे|
आपको बता दें की ग्राम पंचायत पामगढ़ हमेशा से अपने कार्यों को लेकर विवादों में रहा है, इस बार शासकीय कन्या शाला, आंगनबाड़ी और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने पड़ी शासकीय भूमि पर नियम विरुद्ध निर्माण कराया गया| जिसे तत्कालीन एसडीएम अनुपम तिवारी ने 2 बार मशीन से तोड़वाया था और निर्माण में प्रयुक्त सामानों को जब्त किया था, जिसके बाद भी निर्माण कार्य नहीं रुकने पर पुरे कार्य पर स्टे भी लगाया गया था| लेकिन सारे नियमों को पामगढ़ सरपंच तेरस राम यादव और पंचायत सचिव सकून साहू द्वारा दरकिनार कर मनमाने तरीके से इस कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया | जिसके बाद नियम विरुद्ध इसका आबंटन भी कर दिया गया|
इस कॉम्प्लेक्स के 1-1 दुकान की एवज में खरीददारों से 8-8 लाख रुपए से भी अधिक लेने की जानकारी मिल रही है| जबकि पंचायत से 60 हजार रुपए का अनुबंध पत्र दिया गया | इस मामले में जोगी कांग्रेस ने एसडीएम करुण डहरिया को ज्ञापन सौंपते हुए कार्यवाही की मांग की थी| शिकायत पत्र एवम् सरपंच सचिव द्वारा प्रदत्त जानकारी के आधार पर एसडीएम ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत प्रकरण दर्ज कर सरपंच को नोटिस जारी किया है।
जिसके बाद इस मामले की जांच के लिए एसडीएम करुण डहरिया ने 5 सदस्यीय टीम का गठन किया है| जिसमें प्रमुख रूप से पामगढ़ तहसीलदार शेखर पटेल, जनपद पंचायत सीईओ रतन लाल कौशिक सहित 5 अधिकारी शामिल हैं|
धारा 40 के प्रावधान
छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 40 के तहत राज्य सरकार या विहित प्राधिकारी जांचोपरांत पंचायत के पदाधिकारी को किसी भी समय हटा सकता है यदि पंचायत पदाधिकारी अपने कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार का दोषी है या उसका पद पर बने रहना लोक हित में अवांछनीय है ।ग्राम पंचायत के पदाधिकारी को हटाने हेतु विहित प्राधिकारी एसडीएम होते हैं।