हमारे देश में गंगा नदी का एक अलग ही स्थान है. गंगा नदी को हमारे देश में धार्मिक नदी का दर्जा प्राप्त हैं और रोजाना इस नहीं की पूजा भी की जाती है. इस नदी की आस्था को देखते हुए, रोजाना लाखों लोग इस नदी में स्नान करने आते हैं. आप भी जीवन में कभी ना कभी गंगा स्नान के लिए तो जरूर गए होंगे. उस दौरान आप अपने घर के लिए गंगा जल भी जरूर लेकर आए होंगे, जिसे आपने कई महीनों व सालों तक स्टोर करके भी रखा होगा. क्योंकि गंगा जल के बारे में कहा जाता है कि इस जल पर किसी मात्र छिड़क भी दिया जाए, तो उसके सारे पाप धुल जाता हैं.
खैर क्या आपने अपने घर में रखे गंगा जल पर कभी ध्यान दिया है कि आखिर क्यों वो कभी खराब नहीं होता, या फिर उसे सालों साल स्टोर करने के बावजूद उसमें से कभी बदबू क्यों नहीं आती? जबकि नॉर्मल पानी बहुत जल्द खराब हो जाता है और उसमें से बदबू भी आने लगती है. अगर आप गंगा जल के इस तथ्य के बारे में नहीं जानते, तो आइये आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं.
दरअसल, गंगा जल के पवित्र रहने की एक खास वजह है और वो है इस नदी का उद्गम स्थल. इस नहीं का उद्गन गंगोत्री में स्थित गौमुख से होता है, जो कि हिमालय पर्वत पर है. वहीं हिमालय पर कई तरह की जड़ी-बूटियां और खनिज लवण पाए जाते हैं, जो गंगा के पानी के संपर्क में आकर इसमें घुल जाते हैं और यही वजह है कि गंगा के पानी में कई चमत्कारी गुण पाए जाते हैं.
इसके अलावा अगर गंगा के जल को नॉर्मल पानी के बोतल में भर दिया जाए, तो भी गंगा का जल काफी लंबे समय तक स्टोर करने पर भी खराब नहीं होता है. जबकि नॉर्मल पानी को अगर एक बोतल में भर दिया जाए, तो वह कुछ दिनों बाद ही खराब हो जाता है और उसमें से बदबू आने लगती है. यहां तक कि उस पानी में कीड़े भी लग जाते हैं. लेकिन गंगा जल में ऐसा कुछ भी नहीं होता, क्योंकि गंगा नदी में एक ऐसा वायरस पाया जाता है, जो पानी की सारी अशुद्धियों को खत्म कर देता है और इसे खराब करने वाले बैक्टेरिया को इसमें पनपने भी नहीं देता है.