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CG : सतनाम के आस्था के तालाब में डुबकी लगाने पहुंचे श्रद्धालुओं का रैला, यहाँ होता है कई रोगों का निदान

मुंगेली जिले के लालपुर थाना अंतर्गत पेंड्रीतालाब गांव के खार में स्थित पुराना तालाब में नहाने के लिए बीते एक महीने से दूर-दराज के लोग पहुंच रहे हैं. लोगों की मान्यता है कि इस तालाब में सोमवार को स्नान करने से लोगों की बीमारियां ठीक हो जाती है. इसी के चलते सोमवार को तालाब में इतनी भीड़ पहुंची की 4 लोग अपने परिवार से बिछड़ गए थे. इसकी सूचना के बाद कलेक्टर राहुल देव के मार्गदर्शन में पुलिस एवं प्रशासनिक अमले की टीम ने देर रात तक 3 लोगो को खोज निकला. वहीं 1 शख्स अब तक लापता है जिसकी तलाश की जा रही है.

बता दें कि तालाब से चार लोगों के लापता होने की सूचना मिलने के बाद कलेक्टर रोहित कश्यप और पुलिस अधीक्षक चंद्रमोहन सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने नगर सेना और एसडीआरएफ दल बिलासपुर के जवानों से लापता अन्य व्यक्ति को ढूंढने के लिए की जा रही कार्यवाही के बारे में जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिए. इस दौरान एसडीआरएफ की टीम ने बताया कि तालाब में सर्चिंग के दौरान किसी भी व्यक्ति के डूबने का कोई प्रमाण नहीं मिला.

प्रशासन की पहल पर हुई खोजबीन के बाद शत्रुघ्न लाल, जेठिया दिवाकर और फेकन बाई को खोज कर उनके परिवार वालों के हवाले किया. वहीं, मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम लावर कोनी निवासी वासुदेव कैवर्त का मंगलवार की सुबह तक पता नहीं चल पाया. पुलिस के मुताबिक वासुदेव की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. कुछ लोगों ने उन्हें अपने गांव की ओर जाते हुए देखा है. इधर वे अपने गांव तक नहीं पहुंचे है. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. वहीं पेंड्रीतालाब में स्नान के लिए प्रत्येक सोमवार को भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं, इसे संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर और एसपी ने मेडिकल टीम, पुलिस और एसडीआरएफ दल को तैनात रहने के निर्देश दिए हैं.


गांव के 75 वर्षीय कामता दास खांडेकर की माने तो यह तालाब 200 वर्ष से भी अधिक पुराना है सतनामी समाज के गुरु अमरदास के लोरमी से मुंगेली प्रवास के दौरान इसी तालाब के पास रुके थे|  उनके अनुयायियों ने गुरु की पूजा अर्चना की थी तब गुरु ने कहा था कि यह तालाब कल्याणकारी होगा| पहले यह डबरीनुमा था जो लोगों की शारीरिक समस्या को दूर करता था| शारीरिक समस्या ठीक होने पर नायक नाम के व्यक्ति ने डबरी को लगभग तीन एकड़ का तालाब बना दिया तब से लेकर आज तक इस तालाब की पूजा-अर्चना के साथ स्नान करते हैं|  प्रतिवर्ष सावन के महीने में तालाब की पूजा की जाती है| इस तालाब में डुबकी लगाने के लिए छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं| ग्रामीणों ने बताया कि इस तालाब के पानी का उपयोग कीटनाशक के रूप में भी किया जाता है| जब भी कभी खेतों में किट का को बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो खेतों में इस पानी के तालाब को दवा के रूप में छिड़काव किया जाता है जिससे फसलों को काफी लाभ मिलता है|