बच्चे की उम्र चार साल, पैदा होने के एक साल बाद मम्मी-पापा अलग हो गए. एक साल की उम्र में तो उसे पता भी नहीं रहा होगा कि अब मम्मी-पापा साथ नहीं रहेंगे. उसे ही किसे के हिस्से में जाना होगा. कोर्ट में केस चलता रहा. तब तक वह मां के साथ रहा. कोर्ट ने आदेश दिया कि हफ्ते में एक दिन बच्चे का पिता बेटे से मिल सकता है. शायद इसी दिन से बाप-बेटे के मिलन का ये रिश्ता मां को खटकने लगा. जो प्यार और ममता मां के मन में बेटे को लेकर थी, वो मर गई. और इस कदर मरी कि मां ने बेटे को ही मार डाला.
मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को मौत भी आसान नहीं दी, उसे तड़पा-तड़पाकर मारा. होटल में ले जाकर बेटे का गला दबाया. मां के सामने बेटे का चेहरा और सीना फूल रहा था, नाक से खून बह रहा था, लेकिन मां को रहम नहीं आया. 4 साल का मासूम मां के सामने ही छटपटा रहा था. अपने कोमल मन से सोच रहा था, आखिर मां मेरा क्या कसूर है?
ये दर्दनाक वारदात गोवा के उस कैंडोलिम होटल के कमरा नंबर-404 की जहां, बेंगलुरु के स्टार्टअप कंपनी की फाउंडर और CEO सूचना सेठ ने अपने चार साल के मासूम बेटे को मारा डाला. कत्ल करने के बाद वह बेटे का शव ट्रॉली बैग में लेकर गोवा से भागने की फिराक में थी. इसके लिए उसने बकायदा होटल स्टाफ से एक टैक्सी बुक कराई, लेकिन होटल स्टाफ, पुलिस और ट्रैक्सी ड्राइवर की सूझबूझ से वह पकड़ी गई.
गोवा पुलिस ने आरोपी मां सूचना सेठ को बीते 8 जनवरी की रात कर्नाटक से सटे चित्रदुर्ग से गिरफ्तार कर लिया. बीते मंगलवार को उसे गोवा लाया गया और मापुसा शहर की एक अदालत ने सूचना को छह दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने सूचना के पति को घटना की जानकारी दी. सूचना और उसके पति का तलाक के केस चल रहा है. सूचना का पति जकार्ता (इंडोनेशिया) में रहता है. सूचना मिलते ही वह भी गोवा पहुंच गया है.
गोवा पुलिस ने बच्चे का पोस्टमार्टम कराया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने से मौत की बात सामने आई है. अगर पुलिस ने इजाजत दी तो बुधवार को बच्चे के पिता उसका अंतिम संस्कार करेंगे. वहीं पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. डॉ. कुमार नाइक के मुताबिक, बच्चे की तकिए या किसी वस्तु से गला घोंटकर हत्या की गई है. दम घुटने से चेहरा और सीना सूज गया था और नाक से खून बह रहा था. बच्चे के गर्दन दबाए जाने के निशान मिले हैं. हो सकता है कि सूचना सेठ ने तकिए का इस्तेमाल किया हो.
पोस्टमार्टम के दौरान ऐसा प्रतीत नहीं हुआ कि नंगे हाथों का उपयोग किया गया था. ऐसा प्रतीत हुआ कि बच्चे की गर्दन को किसी चीज से दबाया गया था. बच्चे के शरीर पर चोट के निशान नहीं हैं. जान बचाने के लिए संघर्ष का भी कोई निशान नहीं है. सिर्फ गला घोंटने के निशान हैं.
डॉ. कुमार नाइक ने बताया कि जब आपका गला घोंटा जाता है तो दबाव के कारण नसें बाहर नहीं निकलतीं, चाहे वह छाती की नसें हों या चेहरे की नसें. नसें सूज जाती हैं. ये सभी गला घोंटने के लक्षण हैं. लगभग 36 घंटे से ज्यादा हो गए हैं. शरीर को कोई नुकसान नहीं है. गला घोंटने के दौरान बच्चे का संघर्ष करना स्वाभाविक है, लेकिन इसका कोई स्पष्ट संकेत नहीं है. शरीर पर खरोंच के भी निशान नहीं हैं.
गोवा के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेटे की हत्या करने बाद सूचना सेठ ने खुद के हाथ की नस काटने की कोशिश की थी. खून के छिट्टे होटल के कमरे के दीवार पर पड़े थे. जब सूचना सेठ ने अपना कमरा खाली किया तो सफाईकर्मी कमरे की क्लीनिंग के लिए पहुंचे. अंदर का नजारा देख सफाईकर्मी चौंक गए. उन्होंने आनन-फानन में इसकी जानकारी होटल मैनेजर को दी. मैनेजर ने पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने होटल कर्मियों से जानकारी ली.
होटल कर्मियों ने पुलिस को बताया कि सूचना सेठ के साथ में एक बच्चा आया था, लेकिन जाते वक्त बच्चा नहीं था. उसके हाथ में सिर्फ एक ट्रॉली बैग था. होटल कर्मियों ने बताया कि जब हम लोगों ने उसे प्लेन से जाने की सलाह दी तो वह टैक्सी से ही जाने की जिद करने लगी. इस पर उन लोगों ने एक लोकल टैक्सी बुक कर दी. संयोग से टैक्सी वाले का नंबर होटल कर्मियों के पास था तो पुलिस ने तुरंत टैक्सी ड्राइवर को फोन लगाया.
पुलिस ने पहले तो टैक्सी ड्राइवर के फोन से सूचना सेठ से बात की. जब पुलिस ने बच्चे के बारे में पूछा तो सूचना ने बताया कि बेटा गोवा में ही एक फ्रेंड के यहां पर है. जब पुलिस ने सूचना से फ्रेंड का पता लिया तो वह फर्जी निकला. पुलिस ने दोबारा से ट्रैक्सी ड्राइवर को फोन लगाया और स्थानीय भाषा में उससे बात की, ताकि सूचना कुछ समझ न सके. पुलिस ने ट्रैक्सी ड्राइवर से कहा कि तुम अपने गाड़ी पास के किसी पुलिस स्टेशन में ले जाओ. पुलिस के बताए अनुसार टैक्सी ड्राइवर गाड़ी पुलिस स्टेशन में लेकर घुस गया और इस तरह सूचना पकड़ी गई.