सुबह तय होता है रिश्ता, टूट जाता है शाम को, इस गाँव में नहीं करना चाहता कोई शादी, जाने क्या है वजह

दुनिया में शादी को लेकर अलग तरह की रीति रिवाज , रस्में और पररंपराएं होती है। भारत में इसे केवल विवाह ही नहीं बल्कि एक पवित्र बंधन के रूप में माना जाता है। कहा जाए तो यह एक तरह का त्योहार ही है। जिसमें शामिल होने के लिए घर के रिश्तादरों और सगे संबंधी से लेकर दोस्त और करीबी तक शरीक होते हैं। शादी में दुल्हा और दुल्हन को लेकर भी कई तरह की अनोखी रस्में होती है। इसके अलावा भारत में दुल्हा और दुल्हन को देखने की भी अनूठी परंपराए है।

 


इसे भी पढ़े :-3 बच्चों की माँ दुल्हन बनकर ढोल नगाड़ों के साथ पहुंची प्रेमी के घर, 9 साल से कर रहा था रेप, रायपुर थाना इलाके की घटना


 

आमतौर लड़के वाले दुल्हन के बारे में घर के कामकाज, नौकरी आदि से जुड़ी जानाकारी हासिल करते हैं। वहीं, लड़का देखने वाले लोग उसकी नौकरी, परिवार और रिश्तेदारी चीजों के बारे में पता लगाते हैं। मगर, क्या आप जानते है कि बिहार में एक गांव ऐसा है जहां पर लड़का और लड़की की शादी नहीं हो पाती है। ऐसा होने के पीछे लोग अलग अलग तरह के कारण बताते हैं।

 


इसे भी पढ़े :-बच्ची को कार में छोड़ माता-पिता लेने गए मिठाई, कार समेत हुआ बच्चे का अपहरण, मांगी 50 लाख की फिरौती


 

दरअसल, यह अजीबोगरीब जगह बिहार के बेगूसराय जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर मटिहानी प्रखंड स्थित ग बहलपुर गांव है। यहां पर 350 से ज्यादा लोगों का परिवार बसता हैं। साल 1992 में यह गांव गंगा नदी के कटाव के चलते अलग हो गया था। इस वजह से पूरा गांव की जनसंख्या मटिहानी लखमिनिया में आकर रहने लगी है। गांव के कई लोगों का कहना है कि साल 1992 से उनके पास न ही खाने का और न ही रहने के लिए पक्के मकान है। ऐसे में इस गांव में जब कोई रिश्ता लेकर आता है। तब रिश्तेदार उन्हें नाश्ता कराने के बाद उन्हें शाम को फोन पर मैसेज भेजकर रिश्ता ठुकरा देते है। इसमें वह लिखते हैं कि उन्हें आपका यह रिश्ता मंजूर नहीं है।

 


इसे भी पढ़े :-देवर से प्रेम के चलते तीन मासूम बच्चों को नदी में डुबोकर मार डाला, ऐसे खुला क्रूर मां का राज


 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बारे में बहलपुर गांव की रहने वाली उमावती देवी का कहना है कि उनका 30 साल का लड़का है। उसकी शादी करने के लिए कोई लड़की वाले राजी नहीं होते हैं। इसके अलावा गांव के रहवासी रामसुंदर पंडित ने कहा कि गांव में रिश्ता लेकर आने वाले लोग तीन से चार हजार रुपये यह सोचकर खर्च करते हैं कि उनकी बात किसी भी तरह पक्की हो जाए। मगर, शाम आते-आते लोग गांव वाले यह मैसेज कर दते हैं कि वह रिश्ता नहीं करना चाहते हैं।

 


इसे भी पढ़े :-तालिबानी सजा : बीच सड़क युवक-युवती की सरेआम पिटाई, चीखते रहे दोनों, देखते रहे लोग, देखें विडियो


 

Join WhatsApp

Join Now