महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में 11 विधान परिषद सीटों के लिए 12 जुलाई को मतदान होना है। यह चुनाव रोचक हो गया है क्योंकि 11 सीटों के लिए 12 कैंडिडेट उतारे गए हैं। ऐसे में चर्चा तेज है कि क्रॉस वोटिंग की कोशिश भी हो सकती है। ऐसे में विपक्ष का महाविकास अघाड़ी गठबंधन अलर्ट हो गया है और वोटिंग से पहले ही विधायकों को रिजॉर्ट भेजा जा सकता है ताकि एनडीए के नेता उनसे संपर्क न साध सकें। कांग्रेस, उद्धव सेना और शरद पवार की एनसीपी के विधायकों को होटलों में रखने की योजना है। खासतौर पर उद्धव सेना के विधायकों से कहा जा सकता है कि वे चुनाव से पहले साथ रहें।
इसी तरह सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के विधायकों को भी एक ही होटल में ठहराया जा सकता है। ऐसा इसलिए होगा ताकि चुनाव से पहले हॉर्स ट्रेडिंग न हो। विधायकों की टूट का डर इस बार दोनों ही तरफ बराबर है। लोकसभा चुनाव में एनडीए को 17 सीटें ही मिलने के बाद ऐसे तमाम नेता हैं, जिनका अब मन बदल रहा है। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले कई विधायक अपनी वफादारी दूसरे नेता के प्रति दिखा सकते हैं। इसलिए एनडीए से लेकर महाविकास अघाड़ी तक में सतर्कता का माहौल है।
दो दिन पहले ही सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में तीनों दलों ने संयुक्त रणनीति पर विचार किया। इसके अलावा वोटिंग पैटर्न तय करने का फैसला किया है। बैठक में इस बात पर निर्णय लिया गया कि तीनों दलों को प्रथम और द्वितीय वरीयता के वोट कैसे दिए जाएंगे। दरअसल 2022 में भाजपा ने राज्यसभा और विधान परिषद के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था। तब कमान देवेंद्र फडणवीस के हाथों में थी। उस अनुभव को देखते हुए इस बार भी एनडीए की कमान फडणवीस को ही दी गई है।
भाजपा ने 2022 में पर्याप्त संख्या न होने के बावजूद 3 राज्यसभा सीटें और 5 विधान परिषद सीटें जीती थीं। बता दें कि कुल 11 सीटों के लिए जो 12 कैंडिडेट उतरे हैं, उनमें से 5 भाजपा के हैं। इसके अलावा दो-दो उम्मीदवार एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के हैं। विपक्ष के महाविकास अघाड़ी के तीनों दलों ने एक-एक कैंडिडेट उतारा है।