झुंझुनूं.
राजस्थार सरकार के सीनियर आईएएस एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने झुंझुनूं में समीक्षा बैठक ली। इस दौरान कुछ सवालों पर अधिकारियों के बेमेल जवाब सुनने को मिले। उनकी बैठक में आए जवाब सुनकर अब कई प्रकार के सवाल उठने लगे हैं। आखिरी सच कौन बोल रहे हैं।
एसपी बोले, मैंने 50 वाहनों की लिस्ट डीटीओ को भेजी, डीटीओ ने कहा, मुझे तो 21 वाहनों की लिस्ट ही मिली है। प्रकाशित समाचारों पर प्रसंज्ञान लेते हुए प्रभारी सचिव ने कहा कि हरे पेड़ों की तस्करी करने वाले वाहनों पर क्या कार्रवाई की गई? इस पर एसपी राजर्षि राज वर्मा ने कहा, पचास वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए लिस्ट डीटीओ को भेज दी। इस पर डीटीओ मक्खन लाल जांगिड़ ने कहा कि उनको 21 वाहनों की लिस्ट मिली है। बैठक में एक अफसर 50 की कहते रहे, दूसरे 21 की। विरोधाभास होने से पहले प्रभारी सचिव ने बात संभालते हुए पूछा बताओ 21 का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया क्या। इस पर डीटीओ बोले, जांच में केवल पांच वाहन ऐसे मिले जिनके खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की जा सकती है। पांचों वाहन मालिकों को नोटिस जारी किए हैं। उनका जवाब आने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई एक्ट नहीं है, जिसके तहत अवैध परिवहन करने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन तुरंत रद्द कर सकें।
कलेक्टर ने कहा, चार्जशीट दे दी, आबकारी अधिकारी ने किया इनकार
बैठक में प्रभारी सचिव ने जिला कलेक्टर से पूछा कि पिछली बैठक में मैंने आबकारी अधिकारी को चार्जशीट देने के निर्देश दिए थे, क्या हुआ। इस पर कलेक्टर के जवाब से पहले आबकारी अधिकारी अमरजीत सिंह बोले, मुझे चार्जशीट नहीं मिली। इस पर कलेक्टर ने कहा कि मैंने चार्जशीट दी है। मामला रोचक हो गया। इस पर कलेक्टर ने कहा कि चार्जशीट ऑनलाइन दी है। इसके बाद प्रभारी सचिव ने कहा कि इनको ऑफलाइन चार्जशीट भी ससम्मान दीजिए और रिसीविंग लीजिए। बाद में उनको ऑफलाइन चार्जशीट दी गई।