Friday, December 13, 2024
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जेल से पैरोल पर छूटते ही हनीप्रीत से मिले राम रहीम, 3 शर्तों पर 20 दिन की मिली है पैरोल

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की वोटिंग से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को पैरोल दी गई है. वो आठवीं बार सुनारिया जेल से बागपत आश्रम पहुंचा है. भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राम रहीम को गुरुवार सुबह रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर लाया गया है. राम रहीम का आश्रम बागपत के बिनौली थाना क्षेत्र के बरनावा गांव में है, जहां वो अपनी पैरोल के 20 दिन बिताने वाला है. वहीं राम रहीम के साथ उसकी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत और परिवार के सदस्य भी आए हैं.

राम रहीम के आते ही आश्रम का पहरा बढ़ा दिया गया है और अनुयायियों का आना भी शुरू हो गया है. रेप और हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे राम रहीम को हरियाणा पुलिस रोहतक की सुनारिया जेल से लेकर सुबह निकली. बागपत में प्रवेश करते ही पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसे लेकर बरनावा आश्रम पहुंची.

गुरमीत राम रहीम को पुलिस की चार गाड़ियों की सुरक्षा में लेकर इंस्पेक्टर एमएस गिल शाह सतनाम सिंह आश्रम बरनावा में सुबह लगभग 8.13 बजे पहुंचे. सफेद रंग की 4 फॉर्च्युनर गाड़ियों में से एक गाड़ी में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह था. उसके आश्रम में प्रवेश करते ही मुख्य द्वार बंद कर दिया गया. डेरा प्रमुख के बाहर आने से उनके अनुयायियों में खुशी का माहौल है. हालांकि, डेरा प्रशासन आश्रम में अनुयायियों के आने पर प्रतिबंध की बात कर रहा है.

कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को लिखी चिट्ठी
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की पैरोल पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस की तरफ से चुनाव आयोग को पहले ही चिट्ठी लिखी गई है. इसमें कहा गया था कि राम रहीम चुनाव के समय पैरोल पर आया तो चुनाव को प्रभावित कर सकता है. उसे आचार संहिता के दौरान पैरौल ने दी जाए. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के लीगल सेल की तरफ से ये चिट्ठी लिखी गई थी, जिसमें कहा गया कि पहले भी राम रहीम चुनाव के समय पैरोल पर बाहर आकर चुनावों को प्रभावित कर चुका है. इसके बावजूद राम रहीम को चुनाव आयोग की तरफ से पैरोल दी गई है.

चुनाव आयोग ने दी 3 शर्तों पर 20 दिन की पैरोल
चुनाव आयोग की तरफ से तीन शर्तों पर राम रहीम को 20 दिन की पैरोल दी है. इसमें सबसे पहले शर्त तो यहीं है कि पैरोल के दौरान राम रहीम हरियाणा में नहीं रहेगा. दूसरी शर्त है वो किसी भी पॉलिटिकल एक्टिविटी में शामिल नहीं होगा. इसके अलावा तीसरी शर्त है कि वो सोशल मीडिया पर किसी का चुनाव प्रचार नहीं करेगा. चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है कि राम रहीम की तरफ से किसी भी शर्त का उल्लंधन किया जाता है तो उसकी पैरोल तुरंत कैंसिल कर दी जाएगी.

बता दें कि राम रहीम को 2017 में 2 साध्वियों के यौन शोषण आरोप ठहराया गया था, जिसमें उसे 20 साल की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा राम रहीम को एक पत्रकार की हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया गया था, जिसमें उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

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