जांजगीर जिला के पामगढ़ में धोखाधड़ी, कूटरचना व षड्यंत्र रचने के आरोप में तत्कालीन बीईओ दो लिपिक सहित चार लोगों के खिलाफ प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं। इसके बाद 3 सालों से परेशान दत्तक पुत्र को न्याय की उम्मीद जगी है। मामला पामगढ़ ब्लॉक का है।
दरअसल यह मामला शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है। पूर्व माध्यमिक शाला मुलमुला की प्रधान पाठक सुनीता सिंह की मृत्यु 10 जुलाई 2021 को हो गई थी। इसके बाद तत्कालीन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एसआर रत्नाकर, लिपिक हेमंत श्रीवास व मालिक राम जॉनसन ने मिलीभगत कर एक नाम होने का फायदा उठाते हुए युवराज सिंह ठाकुर को बिना किसी देरी के सारे भुगतान कर दिया।
इसके बाद मृतिका सुनीता सिंह के दत्तक पुत्र युवराज सिंह ने इस बात पर आपत्ति जताते हुए खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र भी लिखा था। जिसमें उन्होंने बताया था कि वह उसका दस्तक पुत्र है। जिसे वह नियमानुसार गोद लिया हुआ है। इसके सभी दस्तावेज मौजूद है साथ ही सर्विस बुक में भी नॉमिनी के रूप में युवराज सिंह चंदेल का ही नाम शामिल है। इसके बावजूद मृतिका सुनीता सिंह के स्वत्वों का भुगतान अनधिकृत व्यक्ति युवराज सिंह ठाकुर को कर दिया गया|
इसकी शिकायत करने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग के अपर सचिव अन्वेश धृतलहरे ने तत्कालीन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पामगढ़ एसआर रत्नाकर को 10 दिसम्बर 2021 को प्रभाव से निलंबित कर दिया था| हालाँकि उसके कुछ दिन बाद वे सेवानिवृत हो गए| इसके बावजूद दत्तक पुत्र को राशि व अनुकम्पा नहीं मिली| जिस पर दत्तक पुत्र ने पामगढ़ न्यायालय में परिवारवाद पेश किया| जिस पर सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट शालू केसरी ने तत्कालीन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एसआर रत्नाकर, लिपिक हेमंत श्रीवास व मालिक राम जॉनसन और युवराज सिंह ठाकुर के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना व षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज़ करने के आदेश जारी किए| जिसके बाद द्त्त्कपुत्र को न्याय की उम्मीद जगी है|
आपको बता दे की पूर्व माध्यमिक शाला मुलमुला की प्रधान पाठक सुनीता सिंह का विवाह मुंगेली जिला के आसपास हुई थी| लेकिन कभी उसके पति ने सुनीता को पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं किया| जिसके बाद वह वापस आ गई और मुलमुला में पढ़ाने लगी| अपना अकेलापन दूर करने युवराज सिंह चंदेल को पुत्र के रूप में गोद ले लिया| युवराज 2 साल के उम्र से ही सुनीता के साथ रहता था| बाद में उसे ही अपना वारिश बनाया था| 10 जुलाई 2021 को बीमारी के बाद सुनीता निधन हो गया| जिसका अंतिम संस्कार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में परिजनों के बीच किया गया| पुत्र होने के नाते मुख्ग्नी युवराज ने दी|
सुनीता के मृत्यु के बाद शासकीय सेवा से प्राप्त होने वाले सभी लाभांश समस्त लंबित स्वत्वों का भुगतान, जीपीएफ, ग्रेच्युटी, जीआईएस का 100% पेंशन और अनुकंपा नियुक्ति का लाभ नियमानुसार दत्तक पुत्र को मिलना था| लेकिन एक नाम होने का फायदा उठाते हुए तत्कालीन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी एसआर रत्नाकर, लिपिक हेमंत श्रीवास व मालिक राम जॉनसन ने मिलीभगत कर बिना किसी देरी के युवराज सिंह ठाकुर को कर दिया। जिसमें आज सुनवाई की गई|