नई दिल्ली
हाल ही में विमानों को मिल रही बम की धमकियों के चलते इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नई गाइडलाइन जारी की है। यह गाइडलाइन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लागू होगी, ताकि वे ऐसी धमकियों की सूचना जल्दी से हटाएं और सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें।
क्या है मामला?
मंत्रालय ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में भारत में कई एयरलाइंस को फर्जी बम धमकियां मिली हैं। ये धमकियां एयरलाइनों, यात्रियों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रभावित कर रही हैं, जिससे उड़ानों का सामान्य संचालन बाधित हो रहा है।
इन फर्जी धमकियों से न केवल सार्वजनिक व्यवस्था पर असर पड़ता है, बल्कि यह राज्य की सुरक्षा के लिए भी खतरा बनती हैं। इनसे बड़ी संख्या में नागरिक प्रभावित होते हैं और देश की आर्थिक सुरक्षा भी अस्थिर होती है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर "फारवर्डिंग/री-शेयरिंग" के कारण ये फर्जी धमकियां तेजी से फैल रही हैं, जो कि गलत सूचनाओं पर आधारित होती हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी
आईटी मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और संबंधित नियमों के तहत उचित कार्रवाई करनी होगी। उन्हें किसी भी गलत जानकारी को तुरंत हटाना होगा, जो सार्वजनिक सुरक्षा को प्रभावित करती है। यदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इस जिम्मेदारी का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें कानूनी दायित्व का सामना करना पड़ सकता है। आईटी नियमों के अनुसार, यदि वे गलत जानकारी को हटाने में विफल रहते हैं, तो उन्हें आईटी अधिनियम के तहत दंडित किया जा सकता है।