भीम आर्मी के चीफ और नगीना लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने संसद भवन के बाहर धरने पर बैठ गए. उन्होंने छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज पर हो रहे कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध जताया और हाथ में तख्ती लेकर इंसाफ की मांग की.
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चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज को न्याय दिलाने के लिए वे हर मंच पर आवाज उठाएंगे. उन्होंने कहा, “जब तक सतनामी समाज को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक मेरा धरना जारी रहेगा.”
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सांसद चंद्रशेखर आजाद ने 15 मई 2024 को छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी धाम की अमर गुफा में जोड़ा जैतखाम को काटने की घटना और 10 जून 2024 को बलौदाबाजार में सतनामी समाज के संवैधानिक आंदोलन के दौरान हुई आगजनी को लेकर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने इन मामलों में सीबीआई जांच की मांग की है.
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चंद्रशेखर आजाद का आरोप है कि गिरौदपुरी धाम, जो सतनामी समाज की आस्था का प्रमुख केंद्र है, उसपर हमला किया गया और बलौदाबाजार आंदोलन के दौरान सतनामी समाज को निशाना बनाया गया. इन घटनाओं पर उन्होंने संसद में सवाल उठाने की कोशिश की थी, लेकिन मौका न मिलने पर उन्होंने संसद भवन के बाहर धरने का फैसला किया.
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