सांसद चंद्रशेखर आजाद ने अपने चिरपरिचित अंदाज में एक बार फिर संसद भवन में दिखे, उन्हें संसद में बोलने का समय भी नहीं दिया जा रहा था इसके बावजूद में छत्तीसगढ़ के सतनामियों की पीड़ा को सदन में रखी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में सतनामी समाज को संविधान की अपनी धार्मिक आजादी के आधार पर जो है उनको अपमानित करके जेल में बंद कर दिया गया है।
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आपको बता दे की छत्तीसगढ़ में पिछले 6 महीने से 200 के करीब सतनामी समाज के लोगों को जेल में बंद करके रखा है। नहीं उन्हें जमानत दी जा रही है और नहीं कोई सुध ली जा रही है| छत्तीसगढ़ से भी अनुसूचित जाति के सांसद संसद भवन में आसीन थे लेकिन अभी तक सतनामी समाज की आवाज बुलंद करने वाला कोई सांसद सामने नहीं आया।
सरकार की गलत नीतियों और जातिगत दुर्भावनाओं की शिकार होकर सामाजिक मंच तैयार करने वाले चंद्रशेखर आजाद से लोगों की अपेक्षाएं इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि वह कमजोर वर्ग की लड़ाई में स्वयं ही कूद पड़ते हैं और न्याय दिलाने के लिए हर हद तक लड़ते हैं।
शायद इसीलिए सांसद चंद्रशेखर आजाद पर आज भारत देश के सभी कमजोर वर्ग विश्वास करते हैं और अपेक्षा रखते हैं कि कोई जब कोई जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं को सुने ना सुने लेकिन चंद्रशेखर आजाद अवश्य सुनेगा जिसका उदाहरण आज छत्तीसगढ़ की जानता ने देख भी लिया।
कुछ दिनों पहले संसद नहीं चलने से आहत होकर अपनी बात रखने के लिए सांसद चंद्रशेखर ने स्वयं तख्ती लेकर संसद भवन के बाहर धरने पर बैठ गए थे जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ में सतनामियों के साथ हो रहे अत्याचार का विरोध जताया था।
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संसद में गरजे चंद्रशेखर आज़ाद, मैं अपनी पार्टी का मेंबर हूं और जीतकर आया हूं किसी की दया पर नहीं आया