32 फिल्में करने के बाद छोड़ी फ़िल्मी कैरियर : बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में अपनी जगह बनाने के बाद इसे अलविदा कह देना आसान नहीं होता। लैविश लाइफ, लग्जरी लाइफस्टाइल और ग्रैलमर को छोड़ अलग दुनिया बसाना काफी मुश्किल सौदा लगता है, लेकिन इस सबके बाद भी कई सितारे अपनी जिंदगी पूरी तरह बदल देते हैं। ये सितारे खास से आम इंसान बनने का सफर तय करते हैं। कई लोग किसी दूसरी फील्ड में अलग पहचान बनाते हैं, जिसकी उम्मीद भी दुनिया को नहीं होगी। आज हम ऐसी ही एक हस्ती के बारे में बात करेंगे। बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ये एक्ट्रेस फिल्मों में आईं। एक के बाद एक कई फिल्मों में इन्होंने काम किया। इनकी क्यूटनेस ने हर किसी का ध्यान खींचा, लेकिन एक ही झटके में इन्होंने फिल्मी दुनिया से मुंह फेर लिया और वो कर दिखाया जो हर किसी के लिए करना संभव नहीं।
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एक्टिंग छोड़ चुनी अलग राह
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, जिसके लिए कई वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। हर साल लाखों उम्मीदवार इसमें भाग लेते हैं, लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं और ये सफलता उन्हें भी हासिल हुई जिसके बारे में हम बात कर रहे हैं। लाइमलाइट को छोड़ हजारों की भीड़ में ये एक्ट्रेस भी शामिल हुई और अपने सपने को साकार किया। अपना करियर एक अभिनेत्री के रूप में शुरू किया था, लेकिन बाद में उन्होंने एक अलग रास्ता चुना। फिल्मों में सफल होने के बावजूद उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का मुश्किल सफर तय किया।
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इन फिल्मों में किया काम
फिल्मों में अपनी जगह पक्की कर एक झटके में इसे ठोकर मारने वाली एक्ट्रेस का नाम एचएस कीर्तन है। बाल कलाकार के रूप में खुद को स्थापति करने के बाद उन्होंने कई फिल्मों और टेलीविजन शो में काम किया है, जिनमें ‘कर्पूरदा गोम्बे’, ‘गंगा-यमुना’, ‘मुदिना अलिया’, ‘सर्किल इंस्पेक्टर’, ‘ओ मल्लिगे’, ‘लेडी कमिश्नर’, ‘हब्बा’, ‘डोरे और सिम्हाद्री’ शामिल हैं। मनोरंजन उद्योग में पहचान हासिल करने के बावजूद, उनकी असली ख्वाहिश एक बड़ी फिल्म स्टार बनने की नहीं बल्कि एक आईएएस अधिकारी बनने की थी। इसे हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर उन्होंने अभिनय से दूरी बना ली और यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।
पास की यूपीएससी परीक्षा
उनका सफर आसान नहीं था। उन्होंने पहली बार साल 2011 में कर्नाटक प्रशासनिक सेवा (KAS) परीक्षा दी और सफलतापूर्वक KAS अधिकारी बनीं। हालांकि, उनका अंतिम सपना UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करना था। साल 2013 में उन्होंने पहली बार UPSC CSE का प्रयास किया, लेकिन उच्च रैंक हासिल नहीं कर सकीं। बिना रुके, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अगले सात सालों में छह बार परीक्षा दी। आखिरकार साल 2020 में उन्होंने UPSC CSE पास किया और अखिल भारतीय रैंक (AIR) 167 हासिल की, जिससे IAS अधिकारी बनने का उनका लंबे समय से सपना पूरा हुआ।
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यहां हुई पहली पोस्टिंग
एचएस कीर्तन की पहली नियुक्ति कर्नाटक के मांड्या जिले में सहायक आयुक्त के रूप में हुई थी। फिलहाल एचएस कीर्तन कर्नाटक के चिक्कमगलुरु में जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के तौर पर नियुक्त हैं। अपनी कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है।
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