Thursday, December 19, 2024
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लोकतंत्र की खूबसूरती न्यायालयों से है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

लोकतंत्र की खूबसूरती न्यायालयों से है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

सेवाकाल में सर्वाधिक सम्मान मिला जबलपुर में : जस्टिस कैत

मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव और मुख्‍य न्‍यायाधीश जस्टिस सुरेश कुमार कैत का हुआ अभिनंदन
जबलपुर महाधिवक्‍ता कार्यालय ने किया अभिनंदन समारोह आयोजित

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय न्याय पालिका ने अपने फैसलों से दुनिया में एक विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की खूबसूरती न्यायालयों से ही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को मील का पत्थर निरूपित करते हुये कहा कि कार्यरत प्रधानमंत्री के विरूद्ध फैसला करने का जज्बा केवल भारतीय न्याय पालिका में ही है। उन्होंने न्याय करने में मेरिट के साथ मोरेलिटी को भी ध्यान में रखने की बात कही। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने जबलपुर में महाधिवक्‍ता द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में यह बात कही। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा कि उन्हें अपने सम्पूर्ण सेवाकाल में जितना सम्मान नहीं मिला, उससे अधिक सम्मान मात्र तीन महिने की अल्पावधि में ही जबलपुर में मिला है। अधिवक्ता अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव और मुख्य न्यायाधिपति जस्टिस कैत के साथ वरिष्ठ अधिवक्ताओं का अभिनंदन भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित विभिन्न न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि न्‍यायपालिका भारतीय लोकतंत्र की प्रहरी है। देश की न्‍याय व्‍यवस्‍था विश्‍व में भारत को अलग पहचान देती है और गौरव भी बढ़ाती है। न्‍यापालिका ने कई ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिये हैं जो आज भी अपनी प्रासंगिकता बनाए हुए हैं। यही हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्‍याय पालिका यह तीनों लोकतंत्र के अहम हिस्‍से हैं। कानून निर्माण का काम कार्यपालिका करती है तो उसकी व्‍याख्‍या करने का काम न्‍यायपालिका द्वारा किया जाता है।

मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समय के साथ कई बदलाव आते हैं, बदलते हुए युग में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना ही हमारी न्‍याय पालिका की विशिष्ट पहचान है। मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश की न्‍याय व्‍यवस्था ने ऐसे कई फैसले लिये हैं जिनमें योग्‍यता के साथ-साथ नैतिकता और जीवन मूल्‍यों को भी तरजीह दी गई है। महाभारत काल में पांडवों और कौरवों में यही अंतर था कि पांडव जीवन मूल्‍य एवं नैतिकता समाहित किये हुए थे। ठीक उसी तरह कर्ण की योग्‍यता किसी से कम नहीं थी किन्‍तु उनमें नैतिकता के स्थान पर प्रतिशोध की भावना प्रबल होने के साथ जीवन मूल्‍यों का अभाव था।

मुख्‍य न्‍यायाधिपति जस्टिश कैत ने कहा कि जबलपुर में ज्वाइनिंग के पहले दिल्‍ली हाईकोर्ट, तेलंगाना और अन्‍य हाईकोर्ट में अपनी सेवाएं दी है। सम्पूर्ण सेवाकाल की अवधि में जितना सम्‍मान प्राप्‍त हुआ उससे भी अधिक सम्‍मान मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश के रूप में मिला है। यहां पर वरिष्‍ठ एवं सेवानिवृत्‍त न्‍यायाधीशों से न्‍यायिक व्‍यवस्‍था को और बेहतर बनाने के सुझाव भी मिले हैं। हम पूरी तरह आशान्वित हैं कि बेहतर न्याय व्यवस्था के लिये हमें प्रदेश सरकार का भी भरपूर सहयोग मिलेगा।

वरिष्ठ अधिवक्ताओं का किया अभिनंदन

अभिनंदन समारोह में मुख्‍यमंत्री डॉ. यादव, मुख्‍य न्‍यायाधीश मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय कैत एवं अन्‍य अधिवक्‍ताओं द्वारा सतीशचंद्र दत्‍त, राजेन्‍द्र प्रसाद जायसवाल, रवीशचंद्र अग्रवाल, वी रमेशराव, रविनंदन सिंह, गणेश नारायण पुरोहित, त्रिलोचन सिंह रूपराह, इम्तियाज हुसैन, श्रीर वी.एस. श्रोत्रीय एवं मोहनलाल जायसवाल को अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्‍मानित किया।

लोक नर्तक दल को मिलेंगे एक लाख इक्यावन हज़ार रुपये

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अभिनंदन समारोह में प्रदेश के प्रसिद्ध अहीर नृत्य की प्रस्तुति देने वाले शैलेंद्र पांडेय के दल की सराहना की। उन्होंने नर्तक दल को पुरस्‍कार स्‍वरूप एक लाख इक्यावन हज़ार रुपये देने की घोषणा भी की।

समारोह में न्‍यायाधीश सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी, मुख्य सचिव अनुराग जैन, राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष एड. राधेलाल गुप्ता, हाईकोर्ट एडवोकेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एड संजय अग्रवाल, उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एड धन्य कुमार जैन, जिला अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष एड मनीष मिश्रा एवं सीनियर एडवोकेट काउंसिल के महासचिव एड आदित्य धर्माधिकारी समारोह में मंचासीन थे। महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने स्वागत उदबोधन दिया। समारोह का संचालन उप महाधिवक्‍ता हरप्रीत सिंह रूपराह ने किया। आभार प्रदर्शन उप महाधिवक्‍ता विवेक शर्मा ने किया। समारोह में मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय के न्‍यायाधीशगण, अधिवक्‍तागण एवं प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

 

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