किसान सम्रद्धि योजना, नलकूप खनन एवं पम्प स्थापना पर मिलेगा अनुदान, जाने कैसे : खेती के लिए सिंचाई क्षेत्र का रकबे में वृद्धि करने के उद्देश्य से राज्य सरकारों एवं केंद्र सरकारों के द्वारा कई सिंचाई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है | जिससे किसान अपने खेतों में एक से अधिक फसल लेकर एवं फसलों की समय पर सिंचाई कर उत्पदकता को बढ़ा सकें | छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी राज्य में उपलब्ध भू-जल का नलकूपों द्वारा समुचित उपयोग एवं फसलों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराकर उत्पादकता एवं फसल सघनता में वृद्धि करने के उद्देश्य से यह योजना सम्पूर्ण राज्य में चलाई जा रही है|
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योजना का लाभ लेने हेतु चयन प्रक्रिया
- इस योजनांतर्गत जिलों के समस्त वर्ग के कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा | लघु एवं सीमान्त वर्ग के कृषकों को प्राथमिकता दी जावेगी |
- कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं की भाती कृषकों का चयन त्रिस्तरीय पंचायत के अनुमोदन से किया जावेगा |
नलकूप खनन पर दिया जाने वाला अनुदान :
राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग में नलकूप खनन हतु पंजीकृत ठेकेदारों द्वारा खनन किये गये सफल एवं असफल नलकूपों के खनन लागत पर विभिन्न वर्ग के कृषकों को वर्ग के अनुसार अलग-अलग मात्रा की व्यवस्था की गई है |
सामान्य वर्ग के किसानों को खनन की वास्तविक (केसिंग पाईप सहित) लागत अथवा रु. 10,000 /- जो भी कम हो अनुदान दिया जायेगा | वहीँ अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के किसानों को खनन की वास्तविक (केसिंग पाईप सहित) लागत अथवा रु. 18,000 /- जो भी कम हो अनुदान दिया जायेगा |
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पंप प्रतिष्ठापन पर अनुदान :
नलकूप खनन के पश्चात सफल नलकूप पर पंप प्रतिष्ठापन में आने वाले व्यय पर विभिन्न वर्ग के कृषकों को अलग-अलग अनुदान देने की व्यवस्था की गई है इसके तहत सामान्य वर्ग के किसानों को पंप एवं सहायक सामग्री की लागत अथवा रु. 15,000/- जो भी कम हो का अनुदान दिया जायेगा | वहीँ अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के किसानों को पंप एवं सहायक सामग्री की लागत अथवा रु. 25,000/- जो भी कम हो अनुदान दिया जायेगा |
राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए
नलकूप- खनन की प्रस्तावित केसिंग पाइप सहित लागत अथवा रुपये 15000 जो भी कम हो दिया जायेगा |पम्प प्रतिस्थापना- पम्प एवं सहायक सामग्री की लागता अथवा रुपये 20,000 जो भी कम हो दिए जाने का प्रावधान है |
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योजना के क्रियान्वयन के दिशा निर्देश :-
- उक्त प्रयोजन हेतु विभाग द्वारा संचालित अन्य योजना अथवा इस योजनंतर्गत पूर्व में नलकूप खनन अनुदान का लाभ प्राप्त किये कृषक पात्र नहीं होगें |
- विद्युत की उपलब्धता एवं निकटता को ध्यान में रखते हुये प्रकरण समूह (क्लस्टर) में तैयार किये जावेगे, जिससे कि छ.ग. राज्य विद्युत वितरण कम्पनी मर्यादा एवं कृषकों को विद्युत कनेक्शन हेतु आर्थिक बोझ कम पड़े | “समूह में प्रथम आवे प्रथम पावे” के आधार पर पंजीयन उप संचालक कृषि के कार्यालय में किया जायेगा | उप संचालक कृषि द्वारा पंजीयन पत्र जारी किया जाएगा |
- अनुदान की पात्रता उन सभी कृषकों व उनके समूह को होगी जिन्होंने सहकारी अथवा व्यवसायिक बैंक से ऋण लिया हो अथवा ऐसे कृषक या उनके समूह जो स्वयं के व्यय से नलकूप खनन के इच्छुक हो |
- नलकूप को गोलाई एवं गहराई का पंचनामा एक समिति, जिसके सदस्य अनुविभागीय कृषी अधिकारी अथवा वरिष्ट कृषी विकास अधिकारी, ग्रामीण कृषी विस्तार अधिकारी कृषक स्वयं एवं क्षेत्र का सरपंच/पंच होगें, के द्वारा स्थल पर संयुक्त रूप से जांच कर बनाया जाएगा | समिति के सदस्यों द्वारा निर्धारण प्रपत्र में पंचनामा जारी किया जाएगा |
- नलकूप सफल (1500 गैलन प्रति घंटा डिस्चार्ज) / असफल होने की स्थिति में कृषक द्वारा दिया गया सफल/असफल होने का प्रमाण-पत्र मान्य होगा | किन्तु गोलाई एवं गहराई के संबंध में उपरोक्त दर्शित पंचनामा समिति द्वारा स्थल निरीक्षण के पश्चात प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा |
- कृषक अथवा कृषक समूह के जोत का आकार न्यूनतम 1 हेक्टेयर हो | विद्युत कनेक्शन एवं नलकूप चालू करने की जिम्मेदारी कृषक की होगी |
- कृषक को अपनी पसंद का आई.एस.आई. मार्क का पंप विभाग में पंजीकृत निजी डीलर अथवा सहकारी संस्थाओं अथवा अर्द्धशासकीय संस्थाओं से क्रय करने की स्वतंत्रता होगी |
- एक नलकूप से दुसरे नलकूप की दुरी कम से कम 300 मीटर होना अनिवार्य है | 300 मीटर की परिधि में पूर्व निर्मित नलकूप एवं हैण्ड पंप नहीं होना चाहिये |
- नलकूप खनन हेतु पंजीयन दिंनाक से एक माह की अवधि में (15 जून से 31 दिसंबर की अवधि को छोड़कर) कृषक द्वारा नलकूप खनन कराने पर भौतिक सत्यापन के समय इस अवधि में 300 मीटर की परिधि में यदि दूसरा नलकूप (पंजीयन के पश्चात खनित) पाये जाने पर कृषक को अनुदान की पात्रता होगी |
- कृषक अपनी इच्छा अनुसार पंजीकृत से नलकूप खनन करा सकेगे तथा पंजीकृत ठेकेदारों की सूचि जिले के उप संचालक कृषि द्वारा विकासखण्ड स्तर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के कार्यालय को उपलब्ध कराई जावेगी |
- योजनांतर्गत खनिज सभी नलकूपों में नलकूप पुनर्भरण संरचना का निर्माण किया जाना अनिवार्य है |
- योजनांतर्गत सहकारी संस्था, ट्रस्ट इत्यादि को अनुदान की पात्रता नहीं होगी |
- सफल नलकूपों पर प्रतिष्ठापित पंप को कृषक पांच वर्ष की अवधि तक किसी को बेच नहीं सकेगा | इसके लिये उससे शपथ पत्र लिया जावेगा |
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निरीक्षण एवं अनुश्रवण :-
- ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा अपने क्षेत्र में कृषकों का चयन कर प्रकरण तैयार कर पंचायत के अनुशंसा के साथ निर्धारित समयावधि में अग्रिम कार्यवाही हेतु विकासखण्ड के वरिष्ट कृषि विकास अधिकारी के माध्यम से जिले के उप संचालक कृषि को प्रेषित करेंगे |
- उप संचालन कृषि कार्यालय द्वारा प्रथम आवें प्रथम पावें के आधार पर पंजीयन कर कृषकों को कार्य आदेश जारी करेंगे | पंजीयन एक वर्ष के लिये वैध होगा | इस अवधि में नलकूप खनन नहीं होने पर पुनः पंजीयन कराना आवश्यक होगा |
- खनन कार्य पूर्ण होने पर हितग्राही कृषक अनुदान प्राप्त हेतु निर्धरित प्रपत्र में आवश्यक सहपत्रों के साथ मांग पत्र संबंधित वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे |
- अनुदान मांग प्राप्त होने पर वरिष्ट कृषि अधिकारी निर्धारण समयावधि में भौतिक सत्यापन कर अनुदान भुगतान हेतु प्रकरण अनुविभागीय कृषि अधिकारी के माध्यम से उप संचालक कृषि को प्रेषित करेंगे | जिन जिलों में अनुविभागीय कृषि अधिकारी का कार्यालय नहीं है वहा सीधे उप संचालक कृषि को प्रेषित करेंगे |
- वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के भौतिक सत्यापन रिपोर्ट एवं खनन एवं पंप के देयकों के आधार पर अनुदान राशि की गणना कर पात्रतानुसार देय अनुदान संबंधित कृषक के बैंक खाता / बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से उप संचालक कृषि द्वारा भुगतान किया जावेगा |
- भौतिकी सत्यापन : उप संचालक कृषि-05 प्रतिशत, अनुविभागीय कृषि अधिकारी अथवा वरिष्ट कृषि विकास अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा 100 प्रतिशत किया जावेगा |