उमंग कार्यक्रम से 21 लाख छात्र-छात्राओं को मिला फायदा, स्कूल शिक्षा विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से चल रहा है कार्यक्रम

भोपाल 
मध्यप्रदेश के विद्यालयों में अध्ययनरत लगभग 21 लाख छात्र-छात्राओं को उमंग कार्यक्रम से फायदा मिला है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में उमंग कार्यक्रम स्कूल शिक्षा विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संयुक्त रूप से संचालित कर रहे हैं। उमंग कार्यक्रम शासकीय हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल में अध्ययनरत किशोर और किशोरियों के जीवन-कौशल को विकसित करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।

उमंग कार्यक्रम प्रदेश के 9 हजार 306 शासकीय हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में चल रहा है। इस कार्यक्रम से किशोर-किशोरियों को सामाजिक कुप्रथा बाल विवाह, जेण्डर असमानता, दहेज जैसी बुराइयों के प्रति सजग और संवेदनशील बनाना है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवाओं जैसे आयरन फोलिक टेबलेट, सेनेटरी पैड, स्वास्थ्य जाँच, स्वच्छ एवं सुरक्षित प्रबंधन तकनीक की जानकारी के साथ विद्यालयों को तम्बाखू मुक्त बनाना है।

उमंग कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन के लिये 52 राज्य स्तरीय, 427 जिला स्तरीय प्रशिक्षकों को और जिला स्तर पर प्रत्येक स्कूल से 2 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलाया जा चुका है। कार्यक्रम में कक्षा-9 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिये उनकी आयु अनुरूप पृथक-पृथक उमंग मॉड्यूल का निर्माण भी किया गया है। मॉड्यूल में यौन उत्पीड़न, कम उम्र में विवाह, घरेलू हिंसा के साथ साइबर सेफ्टी जैसे गंभीर मुद्दों को शामिल किया गया है।

उमंग कार्यक्रम के उज्ज्वल मॉड्यूल के अंतर्गत छात्रों में बालिकाओं और महिलाओं के प्रति सम्मान विकसित करने के उद्देश्य से यूएनएफपीए के सहयोग से पोस्टर निर्मित किये गये हैं। यह पोस्टर नारी के प्रति सम्मान की भावना पैदा करने में बहुत ही सहायक सिद्ध हो रहे हैं। इन मुद्दों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिये जेण्डर संवेदीकरण पर आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल को भी तैयार किया गया है।

 

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