‘ RCB भगदड़ के लिए जिम्मेदार, पुलिस कोई जादूगर या भगवान नहीं’, बेंगलुरु हादसे की जांच में बोला ट्रिब्यूनल

 बेंगलुरु 

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठ अधिकारी विकास कुमार विकास के खिलाफ कर्नाटक सरकार के निलंबन आदेश को रद्द कर दिया है, जिन पर पिछले महीने यहां हुई भीषण भगदड़ के मद्देनजर कार्रवाई की गई थी। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने चार जून को मची भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई थी। मामले में योजना और भीड़ प्रबंधन को लेकर तीखी आलोचना हुई थी। कैट ने स्टेडियम में भगदड़ के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को ही जिम्मेदार माना है। 

कोर्ट ने पुलिसकर्मियों का किया बचाव

कैट ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरसीबी क्रिकेट टीम 4 जून को बेंगलुरु में एकत्रित हुई भारी भीड़ के लिए जिम्मेदार है। जिसके कारण मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे। कैट ने स्टेडियम में तैनात पुलिसकर्मियों का बचाव करते हुए कहा कि वह कोई जादूगर या भगवान नहीं हैं।

See also  RBI की नई मंजूरी से बदलेगा डिजिटल पेमेंट सिस्टम, छोटे ट्रांजैक्शन पर पड़ेगा सीधा असर

बिना अनुमति किया गया जश्न का ऐलान
एनडीटीवी के मुताबिक, न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि RCB ने न तो पुलिस से कोई पूर्व अनुमति ली और न ही उन्हें सूचित किया. टीम ने अचानक सोशल मीडिया पर सूचना शेयर की, जिससे लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. आदेश में यह भी कहा गया कि पुलिस के पास मात्र 12 घंटे का समय था, जो इतने बड़े आयोजन के लिए पर्याप्त नहीं माना जा सकता.

CAT ने किया पुलिस का बचाव
CAT ने पुलिस की आलोचना को अनुचित बताया और कहा, "पुलिसकर्मी भी इंसान होते हैं. वे न भगवान हैं, न जादूगर, और न ही उनके पास अलादीन का चिराग है जिससे किसी भी काम को तुरंत पूरा किया जा सके." ट्रिब्यूनल ने माना कि अचानक जानकारी के कारण पुलिस के पास पर्याप्त समय नहीं था, इसलिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता.

आईपीएस अधिकारी विकास कुमार को राहत
इस आदेश में CAT ने आईपीएस अधिकारी विकास कुमार विकास के निलंबन को भी रद्द कर दिया. केंद्र सरकार ने हादसे के दो दिन बाद उन्हें निलंबित कर दिया था. लेकिन न्यायाधिकरण ने इसे गलत करार देते हुए कहा कि यह निलंबन अवधि उनकी सेवा में जोड़ी जाएगी. विकास कुमार उस समय बेंगलुरु वेस्ट जोन के इंस्पेक्टर जनरल और एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस थे और स्टेडियम की सुरक्षा के प्रभारी थे.

See also  जयपुरमें 21 साल की महिला ने एक साथ दिया 4 बच्चों को जन्म, 2 बेटा-2 बेटी

3 से 5 लाख की भीड़ के लिए जिम्मेदार है RCB

अपनी टिप्पणी में ट्रिब्यूनल ने कहा, 'प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आरसीबी लगभग तीन से पांच लाख लोगों की भीड़ के लिए जिम्मेदार है। आरसीबी ने पुलिस से उचित अनुमति या सहमति नहीं ली। अचानक, उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया और उपरोक्त जानकारी के परिणामस्वरूप जनता एकत्र हो गई।'

12 घंटे के कम समय में पुलिस से ये उम्मीद नहीं की जा सकती

ट्रिब्यूनल ने आरसीबी द्वारा जश्न मनाने की अंतिम समय में की गई घोषणा की आलोचना की और इसे उपद्रव भी बताया है। कोर्ट ने आदेश में कहा, 'अचानक, आरसीबी ने बिना किसी पूर्व अनुमति के उपरोक्त प्रकार का उपद्रव किया। पुलिस से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि लगभग 12 घंटे के कम समय में पुलिस, पुलिस अधिनियम या अन्य नियमों आदि में आवश्यक सभी व्यवस्थाएं कर लेगी।'

पुलिस के पास 'अलाद्दीन का चिराग' नहीं- ट्रिब्यूनल

See also  मुंबई उड़ान में हादसा टला! स्पाइसजेट का पहिया गिरा, 75 यात्री सकते में

आईपीएल फ्रैंचाइजी ने अपनी पहली आईपीएल जीत के अगले दिन 4 जून को विजय परेड समारोह के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। ट्रिब्यूनल ने पुलिस की भूमिका का भी बचाव करते हुए कहा, 'पुलिस कर्मी भी इंसान हैं। वे न तो 'भगवान' हैं और न ही जादूगर और न ही उनके पास 'अलाद्दीन के चिराग' जैसी जादुई शक्तियाँ हैं जो केवल उंगली रगड़ने से किसी भी इच्छा को पूरा कर सकती हैं।'