उपराष्ट्रपति पद के लिए नए जाट नेता का नाम आगे बढ़ा सकती है बीजेपी

नई दिल्ली

उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब चुनाव का शेड्यूल आ गया है। इसके बाद से ही चर्चाएं तेज हैं कि आखिर एनडीए का उम्मीदवार अब कौन होगा। लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या को देखते हुए स्पष्ट है कि एनडीए का कैंडिडेट ही जीतने की स्थिति में है। इसलिए एनडीए की ओर से किसे कैंडिडेट बनाया जाएगा। इस पर कयासों का दौर चल रहा है। दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के एलजी वीके सक्सेना और मनोज सिन्हा का नाम चर्चा में है। इसके अलावा राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरिवंश का नाम भी रेस में बताया जा रहा है। इसका कारण बिहार का विधानसभा चुनाव भी है। उनके बिहार कनेक्शन का फायदा भाजपा और जेडीयू उठाना चाहेंगे।

इसके अलावा अब एक और नाम तेजी से चर्चा में है। यह नाम है, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का। आचार्य देवव्रत उसी जाट बिरादरी से हैं, जिससे जगदीप धनखड़ आते हैं। ऐसे में जाट समाज के बीच संदेश देने के लिए आचार्य देवव्रत को मौका दिया जा सकता है। वह आर्य समाज से जुड़े रहे हैं और प्रखरता से विचारधारा का प्रचार करने में जुटे रहे हैं। उन्होंने लंबे समय तक कुरुक्षेत्र स्थित एक गुरुकुल में प्रिंसिपल के तौर पर काम किया है। इससे पहले वह हिमाचल प्रदेश के भी राज्यपाल रह चुके हैं। वह हरियाणा के ही समालखा के रहने वाले हैं।

खबर है कि 18 से 20 अगस्त के बीच किसी भी दिन भाजपा की ओर से उपराष्ट्रपति पद के कैंडिडेट के नाम का ऐलान हो सकता है। बता दें कि जेडीयू, टीडीपी और शिवसेना जैसे एनडीए के दलों ने पीएम नरेंद्र मोदी को अधिकार दिया है कि वे किसी भी नेता का नाम प्रस्तावित कर सकते हैं। इस तरह एनडीए में आम सहमति बन गई है कि भाजपा की ओर से दिए गए नाम के पक्ष में ही मतदान किया जाएगा। बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से इलेक्शन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। किरेन रिजिजू का कहना है कि एनडीए के दलों ने पीएम मोदी और जेपी नड्डा को अधिकृत किया है कि वे जिस नेता पर भी मुहर लगाएंगे, उस पर उनकी सहमति रहेगी।

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