पीएम जनमन योजना के कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें : राज्यपाल पटेल
पीएम जनमन योजना के कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर राज्यपाल पटेल का जोर
राज्यपाल पटेल ने पीएम जनमन योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए उठाए कदम
पीएम जनमन योजना आज़ादी के बाद जनजाति कल्याण की सबसे बड़ी पहल
योजना से जुड़े विभागों की राजभवन में हुई बैठक
भोपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आजादी के बाद पीएम जनमन योजना जनजातीय परिवारों का जीवन बदलने वाली देश की सबसे बड़ी योजना है। जनजातीय परिवारों की खुशहाली के सभी कार्यों का जमीनी स्तर पर निरंतर निरीक्षण होना चाहिए। योजना के कार्यों की गुणवत्ता पर ग्राम पंचायत से लेकर जिलास्तर तक विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। संबंधित अधिकारी जनजातीय परिवारों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए समय-समय पर उनसे मिलकर कार्यों का फीडबैक लें ताकि समय पर सुधारात्मक उपाय किये जा सकें।
राज्यपाल पटेल ने सोमवार को राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ और पीएमजनमन योजना के क्रियान्वयन से जुड़े विभागों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह उपस्थित थे।
राज्यपाल पटेल ने जनजातीय परिवारों को दी जा रही आवास सुविधाओं के संबंध में कहा कि आवासों के डिजाइन और निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आवास सुविधापूर्ण बनें। आजादी के बाद जनजातीय बंधुओं के कल्याण का यह सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। तहसील स्तर पर मैदानी अमले को लगातार निगरानी करने की आवश्यकता है। संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रत्येक तिमाही में पीएम जनमन योजना में चल रहे कार्यों का निरीक्षण करें।
राज्यपाल पटेल ने संबंधित विभागों से आग्रह किया कि अगले तीन महीनों में दिये गये लक्ष्यों को पूरा करने का प्रयास करें। उन्होने हर घर नल से जल, सबको स्वास्थ्य, विद्युत सुविधा, सबको शिक्षा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, बहुउददेशीय केन्द्रों की स्थिति, मोबाइल मेडिकल यूनिट, मोबाइल नेटवर्क देने आदि की समीक्षा की।
राज्यपाल पटेल ने मोबाइल मेडिकल यूनिट के संचालन की सराहना करते हुए कहा कि इनके संचालन को बढ़ाने के प्रयास करना चाहिए। बैठक में इन इकाइयों में स्थानीय जनजातीय बोलियों को जानने वाले अमले की तैनाती पर विचार विमर्श भी हुआ।
जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा कि हर घर नल से जल पहुंचाने में कई बसाहटों में किए गए नवाचारों को अपनाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार आंगनवाड़ी केंद्रों के निर्माण की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में तीन लाख प्रतिबद्ध लीडर्स के माध्यम से आदि कर्मयोगी अभियान चलाया जा रहा है। इसका उददेश्य जमीनी स्तर पर जनजातीय कल्याण है। शासन के सभी स्तरों पर तीन लाख पथ प्रदर्शकों का एक कैडर विकसित किया जा रहा है। इसमें सभी आधारभूत सेवाओं को पूरी तरह लागू किया जायेगा। इसके लिए आदि साथियों के समूह बनाये जायेंगे। राज्य, जिला, विकासखंड स्तर पर संबंधित विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। हाल में राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। उन्हें समुदाय आधारित प्रक्रियाओं का व्यावहारिक अनुभव, अंतर विभागीय सहयोग, सहभागी शिक्षा के माध्यम से जनजातीय सशक्तीकरण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।
बैठक में जनजातीय प्रकोष्ठ राजभवन के अध्यक्ष दीपक खांडेकर, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव, प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा मनीष सिंह, सचिव स्कूल शिक्षा संजय गोयल, सचिव महिला बाल विकास श्रीमती जीवी रश्मि, अपर सचिव पंयायत एवं ग्रामीण विकास दिनेश जैन, संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती सलोनी सिडाना एवं संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।