बेनावाल पर जेसीबी से बरसे फूल, जोजरी बचाओ आंदोलन ने पकड़ी रफ्तार

बाड़मेर

राजस्थान के बालोतरा जिले के डोली गांव से शुरू हुआ जोजरी नदी बचाओ आंदोलन का बड़ा असर हुआ है। सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब देखकर जिला प्रशासन नींद से जाग उठा है। वहीं, कई गांवों से आए किसानों और युवाओं ने आंदोलन के दौरान आरएलपी सुप्रीमों हनुमान बेनीवाल का खास अंदाज में स्वागत किया है। जेसीबी से उन पर फूलों की वर्षा की गई है। इस बीच बेनीवाल ने सरकार को चेतावनी दी कि जब तक जोजरी नदी में बह रहे प्रदूषित पानी का स्थाई हल नहीं निकलेगा, तब तक संघर्ष रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि अब आर-पार की लड़ाई का वक्त आ चुका है, अगर सरकार ने लिखित में हमारी मांगें स्वीकार नहीं की तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।

बीते दिन बेनीवाल के भाषण के बाद आंदोलन का रुख और तेज़ हो गया। देर रात करीब डेढ़ बजे वे सैकड़ों समर्थकों के साथ डोली से बालोतरा कलेक्ट्रेट के लिए कूच कर गए। रास्ते भर कार्यकर्ताओं ने प्रशासन विरोधी नारे लगाए और माहौल आक्रोश से भरा रहा। रात दो बजे के आसपास जुलूस कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचा, तो वहां भी नारेबाजी और घेराव शुरू हो गया। ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन हरकत में आया और कलेक्टर सुशील कुमार यादव तथा एसपी रमेश कुमार मौके पर पहुंचे।

डोली में हजारों की भीड़ को संबोधित करते हुए बेनीवाल ने कहा कि जोधपुर और पाली की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला जहरीला रासायनिक पानी पिछले डेढ़-दो दशकों से डोली, अराबा, कल्याणपुर समेत लगभग 60-70 गांवों में तबाही मचा रहा है। खेत बंजर हो चुके हैं, पेयजल दूषित हो गया है और मच्छरों से लेकर बीमारियों तक का खतरा आम जनजीवन को संकट में डाल चुका है। उन्होंने गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि “रिवर फ्रंट जैसे बड़े-बड़े वादे तो खूब किए गए, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात जस के तस हैं।”
 
डोली में हनुमान बेनीवाल के पहुंचने पर समर्थकों ने उन्हें जेसीबी पर बैठाकर अभिनंदन किया। जगह-जगह फूल बरसाए गए और मंच पर 51 किलो की माला और तलवार भेंट की गई। रैली में बालोतरा, बायतु, बाड़मेर, जालोर और जोधपुर सहित आसपास के जिलों से हजारों लोग पहुंचे थे। तस्वीर में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि उनके स्वागत के दौरान युवाओं की भीड़ उमड़ी हुई है। तीन से चार जेसीबी के ऊपर चढ़कर बेनीवाल के ऊपर फूलों की वर्षा की जा रही है। वहीं, इस दौरान बेनीवाल अपनी गाड़ी के बोनेट पर बैठे हए आभार व्यक्त कर रहे हैं। इस बीच कार्यकर्ताओं में एक अलग ही जोश दिख रहा है।
 
बेनीवाल ने कहा कि “यह समस्या न कांग्रेस ने सुलझाई, न ही भाजपा ने। दोनों सरकारों ने सिर्फ लालीपॉप थमाया। अगर स्थानीय नेताओं में दम होता तो हमें रातभर खेतों में रुककर यह संघर्ष नहीं करना पड़ता।” उन्होंने चेतावनी दी कि यह आंदोलन केवल डोली का नहीं रहा, बल्कि अब पूरे राजस्थान की आवाज़ है। “मैं बाड़मेर से लेकर चंबल और गंगानगर से डूंगरपुर तक हर वर्ग की लड़ाई लड़ रहा हूं। बालोतरा और बाड़मेर आरएलपी का गढ़ है और यहां के लोगों को किसी भी कीमत पर परेशान नहीं होने दूंगा।”

आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक डोली-अराबा-कल्याणपुर सहित प्रभावित गांवों को गंदे पानी से पूरी तरह मुक्ति नहीं मिलेगी, तब तक आंदोलन चरणबद्ध तरीके से चलता रहेगा। रविवार को शुरू हुआ यह आंदोलन रातभर बालोतरा की सड़कों पर गूंजता रहा और अब पूरे प्रदेश में गंदे पानी और प्रदूषण के खिलाफ नई लड़ाई की शुरुआत माना जा रहा है।

प्रशासन के साथ वार्ता जानें किन-किन बातों पर बनी सहमति
जोजरी नदी बचाओ आंदोलन को लेकर करीब आधे घंटे चली बातचीत में रालोपा प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। चर्चा के बाद सहमति बनी है, जिनमें पहला बिंदू है…फिलहाल जोधपुर से आ रहे गंदे पानी की सप्लाई तुरंत बंद की जाएगी। दूसरा स्थायी समाधान के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होगी। तीसरा बिंदू है गंदे पानी की आवक पर तत्काल रोक लगाकर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

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