राजनाथ सिंह का बयान: विपक्ष का व्यवहार बेहद निराशाजनक

नई दिल्ली 
लोकसभा में अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला से जुड़े मुद्दे पर विशेष चर्चा हुई। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर चर्चा की शुरुआत की। हालांकि, इस दौरान विपक्ष के सांसदों ने जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में विपक्ष के हंगामे को लेकर जमकर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) यात्रा और उसके बाद की वापसी पर विशेष चर्चा के दौरान जिस तरह से विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और सदन को चलने नहीं दिया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। रक्षा मंत्री ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि अंतरिक्ष जैसे विषय जो भारत की वैज्ञानिक और सामरिक दृष्टि से 21वीं सदी के भविष्य में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, कम से कम उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर रखना चाहिए।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''आज लोकसभा में भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो मिशन के पायलट शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) यात्रा और उसके बाद की वापसी पर विशेष चर्चा के दौरान जिस तरह से विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और सदन को चलने नहीं दिया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह चर्चा ''भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकसित भारत 2047 में इसकी भूमिका'' विषय पर थी, जो राष्ट्रीय उपलब्धि और देश के सम्मान, स्वाभिमान और भविष्य की वैज्ञानिक और राष्ट्रीय सुरक्षा की संभावनाओं से जुड़ी हुई है। इसमें जिस प्रकार से विपक्ष ने बाधा डाली, उनका व्यवहार आज बेहद निराशाजनक रहा है।''

उन्होंने आगे लिखा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष में विकास की जिन नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है, वह अभूतपूर्व है। विपक्ष चर्चा में भाग लेकर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की रचनात्मक समीक्षा, आलोचना व सुझाव दे सकता था। अंतरिक्ष जैसे विषय जो भारत की वैज्ञानिक और सामरिक दृष्टि से 21वीं सदी के भविष्य में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, कम से कम उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर रखना चाहिए।''

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