जयपुर
राज्य के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कोटा, सवाई माधोपुर और बूंदी जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। कई गांव टापू जैसे बन गए हैं और संपर्क कट गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में NDRF, SDRF और सेना की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। मौसम विभाग ने शनिवार को 11 जिलों में तेज बरसात का अलर्ट जारी किया है। इनमें 2 जिलों (भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़) में भारी बरसात का अलर्ट है। आज इन जिलों में स्कूलों की छुट्टी बारिश के चलते चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर, भीलवाड़ा में शनिवार को स्कूलों की छुट्टी रही।
बारां से मांगरोल का सड़क संपर्क टूटा
बारां में शुक्रवार सुबह से ही तेज बारिश हो रही है। बारिश के चलते वहां जबरदस्त जल भराव देखने को मिल रहा है। बाणगंगा नदी उफान पर है। इसके चलते मांगरोल मार्ग पर खेड़ली गांव के समीप बापुलिया पर डेढ़ से दो फुट पानी बहने से आवागमन ठप हो गया है।
बूंदी में बाढ़ के हालात, कई गांव टापू बने
कोटा, सवाई माधोपुर, बूंदी में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। कई गांव टापू बन गए हैं। प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के साथ सेना की मदद ली गई। बूंदी के नैनवां में 9 घंटे में 13 इंच पानी बरसा। जयपुर में शनिवार सुबह तेज बारिश हुई। मौसम विभाग ने शनिवार को 11 जिलों में तेज बरसात का अलर्ट जारी किया है। इनमें 2 जिलों (भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़) में भारी बरसात का अलर्ट है। आज इन जिलों में स्कूलों की छुट्टी बारिश के चलते चित्तौड़गढ़, बारां, टोंक, सवाई माधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी, डूंगरपुर, भीलवाड़ा में शनिवार को स्कूलों की छुट्टी रही।
इसलिए हो रही भारी बरसात
मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक मानसून पिछले दो सप्ताह से इनएक्टिव मोड में था। मानसून ट्रफ के नॉर्मल पॉजीशन में आने से मानसून फिर एक्टिव फेज में आया। एक्टिव फेज में आने के साथ ही मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेन सिस्टम एक्टिव हुआ। इस सिस्टम में मूवमेंट नहीं होने से यही स्टेबल रहा। इस कारण से राजस्थान के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में इतनी भारी बारिश देखने को मिली।