GST रिफॉर्म से आम आदमी की जेब में 14,000 रुपये की सालाना बचत, बड़ी राहत

नई दिल्ली

जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को नए जीएसटी स्ट्रचर में अहम बदलाव की घोषणा की. ये जीएसटी रिफॉर्म 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे. जीएसटी कटौती से आम आदमी की जेब में कितने रुपये बचेंगे, ये भी बहुत आसानी से समझ सकते हैं.

मान लीजिए अभिषेक दिल्ली में रहने वाला एक मिडिल क्लास व्यक्ति है जिसकी हर महीने की सैलरी 50,000 से 60,000 रुपये है और उनके दो बच्चे हैं. वह दिल्ली में एक किराए के मकान में रहता है. इन जीएसटी बदलाव से रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स कम होगा तो अभिषेक की मासिक बचत कितनी बढ़ेगी? आइए, इसे आपको आसानी से समझाते हैं.

खाने-पीने की चीजों पर होने वाली बचत

मान लीजिए, 50,000 रुपये की सैलरी में अभिषेक दिल्ली में 15,000 रुपये किराए पर, 20,000 रुपये घरेलू खर्चों (खाना, कपड़े, दवाइयां, और अन्य जरूरी सामान) पर खर्च करता है, और बाकी बचत या अन्य खर्चों में जाता है. हम कुछ सामान्य चीजों पर होने वाली बचत को कैलकुलेट करेंगे, जो एक मिडिल क्लास परिवार इस्तेमाल करता है.

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पहले, खाने-पीने की चीजों की बात करें. जीएसटी सुधारों के तहत पनीर, घी, नमकीन, भुजिया, और पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर पर पहले 12% या 18% जीएसटी था, जो अब 5% हो गया है. मान लीजिए, परिवार महीने में 5,000 रुपये पनीर, घी, और नमकीन पर खर्च करता है. पुरानी दर (12%) पर 5,000 रुपये का जीएसटी 600 रुपये था, यानी कुल खर्च 5,600 रुपये. अब 5% जीएसटी के साथ 250 रुपये होगा, यानी कुल खर्च 5,250 रुपये. इससे बचत होगी 350 रुपये.

कपड़ों और जूतों पर होगी इतनी सेविंग

दूसरा, कपड़े और जूते. पहले 2,500 रुपये तक के कपड़ों और जूतों पर 12% जीएसटी था, जो अब 5% हो गया है. मान लीजिए, परिवार बच्चों के कपड़े और जूतों पर महीने में 2,000 रुपये खर्च करता है. पुरानी दर (12%) पर जीएसटी 240 रुपये था, यानी कुल खर्च 2,240 रुपये. अब 5% जीएसटी के साथ टैक्स 100 रुपये होगा, यानी कुल खर्च 2,100 रुपये. इससे बचत होगी 140 रुपये.

हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर बचत

तीसरा, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स जैसे शैंपू, टूथपेस्ट और हेयर ऑयल. पहले इन पर 18% जीएसटी था, जो अब 5% हो गया है. मान लीजिए, परिवार इन पर 1,500 रुपये खर्च करता है. पुरानी दर (18%) पर जीएसटी 270 रुपये था, यानी कुल खर्च 1,770 रुपये. अब 5% जीएसटी के साथ टैक्स 75 रुपये होगा, यानी कुल खर्च 1,575 रुपये. इससे बचत होगी 195 रुपये.

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चौथा, हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस. पहले इन पर 18% जीएसटी था, जो अब 0% हो गया है. अगर परिवार महीने में 2,000 रुपये हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम देता है, तो पहले 360 रुपये जीएसटी के साथ कुल खर्च 2,360 रुपये था. अब 0% जीएसटी के साथ खर्च सिर्फ 2,000 रुपये होगा. इससे बचत होगी 360 रुपये.

बच्चों की पढ़ाई से जुड़े सामान पर बचत

पांचवां, बच्चों की पढ़ाई से जुड़ा सामान जैसे पेंसिल, नोटबुक, और किताबें. पहले इन पर 12% या 5% जीएसटी था, जो अब 0% हो गया है. मान लीजिए, परिवार इन पर 1,000 रुपये खर्च करता है. पुरानी दर (12%) पर जीएसटी 120 रुपये था, यानी कुल खर्च 1,120 रुपये. अब 0% जीएसटी के साथ खर्च सिर्फ 1,000 रुपये होगा. इससे बचत होगी 120 रुपये.

महीनेभर में होगी इतनी बचत

कुल मंथली बचत की बात करें तो 350 (फूड आइटम्स) + 140 (कपड़े) + 195 (पर्सनल केयर) + 360 (इंश्योरेंस) + 120 (पढ़ाई का सामान) इन सभी को मिलाकर कुल 1,165 रुपये तक की सेविंग्स होगी. इसका मतलब है कि अगर मासिक बचत 1,165 रुपये है, तो साल भर में कुल बचत 13,980 रुपये होगी.

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अगर परिवार त्योहारी सीजन में बड़ी खरीदारी जैसे एसी (28% से 18%) या छोटी कार (28% से 18%) खरीदता है, तो बचत और बढ़ सकती है. उदाहरण के लिए, 30,000 रुपये का एसी पहले 38,400 रुपये (28% जीएसटी) में पड़ता था, अब 35,400 रुपये (18% जीएसटी) में मिलेगा, यानी 3,000 रुपये की बचत. इस तरह, नए जीएसटी सुधारों से इस परिवार की मासिक बचत करीब 1,165 रुपये हो सकती है, और बड़ी खरीदारी में और फायदा होगा. यह मध्यमवर्ग के लिए नवरात्रि और दिवाली से पहले सरकार का बड़ा तोहफा है.