कवर्धा में गोंडवाना समाज और भीम आर्मी का बड़ा प्रदर्शन, उप मुख्यमंत्री का फूंका पुतला, चप्पे चप्पे पर की गई पुलिस की तैनाती

कवर्धा में गोंडवाना समाज और भीम आर्मी का बड़ा प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में गोंडवाना समाज (Gondwana Samaj) और भीम आर्मी (Bhim Army) के लोगों ने सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया। पूरे प्रदेश में आदिवासी और दलितों के राजकीय दमन का आरोप लगाते हुए यह आंदोलन किया गया। आपको बता दें की कवर्धा गृह मंत्री और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के गृह जिला है| यह पर दोनों ही दलों ने बड़ा आन्दोलन कर के एक बार सरकार को प्रदेश में हो रहे अत्यचार से अवगत कराया है| दोनों संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में कबीरधाम कलेक्टर दफ्तर का घेराव करने निकले। इस आंदोलन के दौरान गोंडवाना समाज और भीम आर्मी ने सरकार पर आदिवासियों और दलितों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का पुतला दहन भी किया|

 

चप्पे चप्पे पर पुलिस की तैनाती

कवर्धा में गोंडवाना समाज और भीम आर्मी का बड़ा प्रदर्शन
कवर्धा में गोंडवाना समाज और भीम आर्मी का बड़ा प्रदर्शन

 

कलेक्टरेट घेराव के पहले बलौदाबाजार आगजनी कांड को ध्यान में रखते हुए कवर्धा शहर में चप्पे चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। करीब 700 से ज्यादा जवानों ने मोर्चा संभाला था। हालत यह रही कि दूसरे शहरों से इस कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे लोगों को कवर्धा शहर के आउटर में ही रोक लिया गया।

पुलिस ने भारी भरकम भीड़ आने की संभावनाओं के साथ अपनी तैयारी की थी। कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कबीरधाम पुलिस ने व्यापक, संगठित और सख्त सुरक्षा व्यवस्था बनाई। संपूर्ण क्षेत्र में ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी रखी गई।

निगरानी के बावजूद भी गोंडवाना समाज और भीम आर्मी के लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को कोसा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृह मंत्री व स्थानीय विधायक विजय शर्मा ज्यादातर उनके निशाने पर रहे।

नवरात्रि के मौके पर पंडरिया के कामठी मंदिर में हुए विवाद के बाद आदिवासी युवकों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई, आदिवासी युवती के साथ गैंगरेप की घटना, डोंगरगढ़ ट्रस्ट के फर्जी आरोपों का विरोध और नवागढ़ में दलित समाज के युवक की हत्या की सीबीआई जांच की मांग के साथ करीब 800 की संख्या में दोनों ही आदिवासी और दलित समाज के लोगों ने कलेक्टरेट घेराव की कोशिश की। कलेक्टरेट घेराव से पहले आदिवासी मंगल भवन में सभा हुई और वहां दोनों ही समाज के लोगों ने अपनी बात रखी।

भीम आर्मी के संजित बर्मन ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। गृह मंत्री ही जब प्रदेश की जनता के साथ भेदभाव करेंगे तो आम जनता कहां जाए। पूरे प्रदेश आदिवासी और दलितों का राजकीय दमन किया जा रहा है।

कवर्धा में गोंडवाना समाज और भीम आर्मी का बड़ा प्रदर्शन
कवर्धा में गोंडवाना समाज और भीम आर्मी का बड़ा प्रदर्शन

 

आदिवासी युवती के गैंगरेप

इस आंदोलन में शामिल होने महिलाएं भी आई हुईं थी। इन महिलाओं ने भी सरकार को जमकर कोसा। महिलाओं ने कामठी मंदिर विवाद और आदिवासी युवती के गैंगरेप पर खुलकर अपनी बात रखी।

कवर्धा के आदिवासी मंगल भवन से सभी कलेक्टर भवन की तरफ निकले। इस दौरान गोंडवाना समाज इंडिया के संरक्षक डॉ. जे लिंगो ने कहा कि इस सरकार ने भीम राव अंबेडकर की अध्यक्षता में बनाए गए संविधान में दिए अधिकारों को छीन लिया है और आदिवासी-दलितों के साथ अन्याय कर रही है। प्रदेश की विष्णु देव साय सरकार और केंद्र की मोदी सरकार ने मनु स्मृति को ही देश का संविधान मान लिया है और आदिवासियों-दलितों को शूद्र को समझने लगे हैं।

कामठी मंदिर विवाद को लेकर कहा कि आदिवासी दशकों से उस मंदिर में बूढ़ादेव को पूजते आ रहे हैं और अचानक अब सनातनी आकर यह दावा कर रहें हैं कि यह मंदिर उनका है। उन्होंने मंदिर में टेंट लगाया, जिसे गोंडवाना समाज के युवकों ने गिरा दिया तो उनके खिलाफ पुलिस ने एफआईआर कर दी, लेकिन मंदिर की दीवाल तोड़ने और पौधों को उखाड़ने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

रैली के दौरान गोंडवाना समाज के युवक ने कहा कि आप गृहमंत्री विजय शर्मा के भेदभाव का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि उन्होंने एक शब्द ही आदिवासी युवती के दुष्कर्म के मामले में नहीं बोला। न ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मुंह से एक भी बात निकली।

 

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का फूंका पुतला 

रैली को जब कलेक्टर दफ्तर की तरफ जाने से रोक दिया गया, तो गोंडवाना समाज और भीम आर्मी के लोगों ने उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का पुतला दहन किया।

इस दौरान गोंडवाना समाज के कवर्धा जिला प्रमुख रामू बैगा ने दुष्कर्म पीड़िता के आरोपियों के मकान में बुलडोजर चलाने तक की वकालत कर दी। इसके पीछे वजह दी कि जब विजय शर्मा चुनाव जीते तो उन्होंने बुलडोजर से अपना जुलूस निकाला था। गृह मंत्री बनने के बाद कहा था कि अपराधियों के घर बुलडोजर चलेगा, लेकिन आदिवासी युवती के दुष्कर्म के बाद वे अपना वादा भूल गए। अगर कोई सवर्ण होता तो वे बुलडोजर चलवा दिए होते।

कलेक्टर दफ्तर जाने से पहले जब उन्हें रोका गया तो बीच रास्ते में ही तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में 15 सूत्रीय मांगे हैं। गोंडवाना समाज और भीम आर्मी भारत एकता मिशन ने अपनी विभिन्न मांगों के संबंध में कलेक्ट्रेट कार्यालय कवर्धा का घेराव करने के दौरान ज्ञापन देने के बाद आदिवासी मंगल भवन वापस गए और वहां रैली का समापन किया।

 

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