कूनो में चीता ‘मुखी’ ने पांच शावकों को जन्म दिया, भारत में पहला सफल प्रजनन: सीएम मोहन यादव ने दी बधाई

श्योपुर
 मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से चीता संरक्षण के क्षेत्र में एक और बड़ी खुशखबरी आई है। भारत में जन्मी पहली मादा चीता ‘मुखी’ ने पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। इसके साथ ही 33 महीने की उम्र में मुखी अब भारत में जन्म लेने वाली पहली चीता बन गई है, जिसने सफलतापूर्वक प्रजनन किया है। कुनो नेशनल पार्क के अधिकारियों के अनुसार, मादा चीता मुखी और उसके नवजात पांचों शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। यह शावक नामीबिया से लाई गई चीता ‘सिया’ (Siyaya) और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए नर चीता ‘अग्नि’ की संतान हैं। 

मुखी स्वयं सितंबर 2022 में शुरू हुए प्रोजेक्ट चीता के तहत लाए गए चीतों की पहली भारतीय पीढ़ी का हिस्सा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा,“कुनो से बहुत बड़ी खुशखबरी! भारत में जन्मी हमारी चीता मुखी ने 5 शावकों को जन्म दिया है। यह प्रोजेक्ट चीता की अब तक की सबसे बड़ी सफलता है। माँ और सभी शावक स्वस्थ हैं। मध्यप्रदेश और देश के लिए यह गर्व का क्षण है। 

See also  सहकारिता में हुए नवाचारों और उपलब्धियों से अवगत होगी केन्द्र सरकार

यह पहली बार है जब भारत में जन्मी किसी मादा चीता ने देश की धरती पर सफल प्रजनन किया है। लगभग 33 महीने की मुखी अब 'प्रोजेक्ट चीता' की पहली ऐसी मादा बन गई है, जिसने पांच शावकों को जन्म देकर संरक्षण प्रयासों की सफलता को मजबूती दी है।

कूनो में चीता प्रजनन सफल, सीएम ने टीम को बधाई दी

विशेषज्ञों के अनुसार, यह सफल प्रजनन इस बात का महत्वपूर्ण संकेत है कि चीते भारतीय आवासों में तेजी से अनुकूल हो रहे हैं। उनका स्वास्थ्य और व्यवहार प्राकृतिक परिस्थितियों में संतोषजनक पाया गया है।

यह उपलब्धि भारत में एक आत्मनिर्भर, स्थिर और आनुवंशिक रूप से विविध चीता जनसंख्या स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे देश के दीर्घकालिक संरक्षण लक्ष्यों को बल मिलेगा और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में भारत की वैश्विक छवि मजबूत होगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस खबर को सोशल मीडिया के जरिए से साझा किया। उन्होंने कूनो की टीम और वन विभाग को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी।

See also  बदरवास कस्बे में रहने वाली कक्षा 9 की नाबालिग छात्रा ने खुद के अपहरण की कहानी रची, स्कूल जाने के बाद हो गई गायब

भारत में 32 तो कूनो नेशनल पार्क में चीता की संख्या 29 हुई

​वर्तमान में, भारत में चीतों की कुल संख्या 32 हो गई है, जिसमें से 29 चीते मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में और 3 चीते गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में रखे गए हैं। यह संख्या चीता पुनर्वास परियोजना की स्थिरता को प्रदर्शित करती है। नामीबियाई मादा चीता 'ज्वाला' (सियाया) की संतान 'मुखी' (जिसे ज्वाला की बेटी होने के कारण मुखी नाम दिया गया) का सफल प्रजनन इस उपलब्धि का केंद्र है। मुखी द्वारा पांच शावकों को जन्म देना न केवल संख्या बढ़ाता है, बल्कि यह भी स्थापित करता है कि भारत में जन्मी चीता यहां के पर्यावरण में सफलतापूर्वक प्रजनन कर सकती है। यह उपलब्धि भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो देश में चीता के दीर्घकालिक भविष्य के लिए आशा जगाती है।

यह तीसरी पीढ़ी यहां के मौसम के प्रति ज्यादा अनुकूलन करेगी

See also  मध्यप्रदेश वॉटर स्पोर्ट्स में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने की दिशा में प्रयासरत

​'मुखी' (ज्वाला की संतान) द्वारा पाँच शावकों को जन्म देना 'प्रोजेक्ट चीता' के लिए एक अभूतपूर्व पीढ़ीगत छलांग है। यदि ज्वाला को पहली पीढ़ी (आयातित) मानें, तो मुखी दूसरी पीढ़ी है, और मुखी के शावक तीसरी पीढ़ी हैं।

कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों के अनुसार, ये तीसरी पीढ़ी के शावक भारत की धरती पर पैदा हुई मां मुखी की संतान है, जो इन्हें भारतीय वातावरण के साथ बेहतर तालमेल बिठाने में मदद करेगी, क्योंकि वह जन्म के साथ यहां के मौसम से अनुकूलन कर रही है। इनका प्राकृतिक रूप से यहाँ जन्म लेना, चीता प्रोजेक्ट की बढ़ी सफलता है।