अम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जॉर्डन की राजधानी अम्मान पहुंच गए हैं। जॉर्डन के प्रधानमंत्री जाफर हसन ने हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी यह यात्रा जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल हुसैन के आमंत्रण पर कर रहे हैं। इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग, क्षेत्रीय मुद्दों और आपसी हितों से जुड़े विषयों पर चर्चा होने की संभावना है। अम्मान पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि वह जॉर्डन पहुंचकर प्रसन्न हैं और हवाई अड्डे पर मिले आत्मीय स्वागत के लिए प्रधानमंत्री जाफर हसन के आभारी हैं।
पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि यह यात्रा भारत और जॉर्डन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगी। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत-जॉर्डन संबंधों को नई दिशा देने के लिहाज से अहम मानी जा रही है।
बता दें कि जॉर्डन में रहने वाले भारतीय, प्रधानमंत्री से मिलने और उनका स्वागत करने के लिए अति उत्साहित हैं। लोग पलके बिछाए पीएम मोदी के इंतजार में नजर आए। भारतीय प्रवासी समिति के सदस्य सनल कुमार ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि वे पिछले 25 वर्षों से जॉर्डन में रहकर कपड़ा व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि जॉर्डन के टेक्सटाइल उद्योग में भारतीयों की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा, “हम एक बिलियन डॉलर की कंपनी हैं और यहां 35,000 लोगों को रोजगार दे रहे हैं, जिनमें 7,000 जॉर्डनवासी और 6,000 भारतीय शामिल हैं। यह देश हमें शानदार व्यवसाय करने का अवसर दे रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए सनल कुमार ने कहा, “वे एक अद्वितीय व्यक्तित्व हैं। शब्दों में उनका वर्णन करना मुश्किल है। दुनिया के किसी भी कोने में जाइए, जैसे ही आप कहते हैं कि आप भारत से हैं, लोग तुरंत प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते हैं। वे एक अद्भुत और निस्वार्थ नेता हैं, जो देश के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी सोमवार को तीन देशों जॉर्डन, इथियोपिया और ओमान की यात्रा पर रवाना हुए। इस दौरान वे रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से कई उच्चस्तरीय बैठकों में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री की यह जॉर्डन यात्रा किंग अब्दुल्ला द्वितीय इब्न अल हुसैन के निमंत्रण पर हो रही है और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इसे खास माना जा रहा है।