लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर में किया गया व्यापक सर्वे
नदियों में जीरो डिस्चार्ज की बनाई जा रही कार्ययोजना
लखनऊ
उत्तर प्रदेश में नदियों के संरक्षण को लेकर चल रही योगी सरकार की पहल अब राष्ट्रीय मॉडल बन चुकी है। पहली बार किसी राज्य ने नदी संरक्षण में हाई-टेक रिवर ड्रोन सर्वे सिस्टम का इतना व्यापक उपयोग किया है। इसका असर इतना प्रभावी रहा कि केंद्र सरकार ने यूपी के मॉडल को पूरे देश में लागू करने का फैसला किया है। गंगा, यमुना, गोमती, वरुणा और पांडु नदी के लगभग 150 किलोमीटर क्षेत्र का ड्रोन सर्वे पूरा कर राज्य स्वच्छ गंगा मिशन ने नदी पुनरुद्धार के प्रयासों में नई ऊर्जा भर दी है। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर जैसे प्रमुख शहरों में किए गए सर्वे ने नदियों की असल स्थिति, प्रदूषण स्रोतों और नालों के गिरने वाले बिंदुओं की स्पष्ट पहचान करना अब आसान कर दिया है। इन प्रयासों का पहला सबसे बड़ा लाभ कानपुर जिले को मिलने जा रहा है। ड्रोन सर्वे के बाद नदियों में जीरो डिस्चार्ज की कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके क्रियान्वयन के बाद नदियों में जीरो डिस्चार्ज का दर्जा मिल जाएगा।
गोमती नदी के कायाकल्प को मिलेगी नई दिशा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता हमेशा से यह रही है कि राज्य की नदियां पूरी तरह स्वच्छ बनें और स्थानीय लोगों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिले। इसी सोच के अनुरूप अब नालों की पहचान और प्रदूषण नियंत्रण आसान हो गया है। लखनऊ नगर के लिए ड्रोन सर्वे आधारित संपूर्ण पुनरुद्धार कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिससे गोमती नदी के कायाकल्प को नई दिशा मिलेगी।
नदियों के कायाकल्प के साथ गांव-गांव में स्वच्छता
राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के परियोजना निदेशक जोगिन्दर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नदियों के संरक्षण को लेकर अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि न केवल नदियों का कायाकल्प हो रहा है, बल्कि इन प्रयासों से गांव-गांव में स्वच्छता, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण के नए अवसर भी पैदा हुए हैं। योगी सरकार की जनकल्याणकारी नीति और तकनीक के सशक्त उपयोग का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश आज नदी संरक्षण में देश का अग्रणी राज्य बन चुका है। इसके साथ ही पूरा देश उत्तर प्रदेश के मॉडल को अपनाने जा रहा है।