शरद पवार और उपेंद्र कुशवाहा की राज्यसभा में वापसी का सवाल, 75 सीटों का गणित उलझा

नई दिल्ली
साल 2025 अब अलविदा हो रहा है और 2026 में दस्तक के लिए तैयार हैं. भारत के सियासी परिदृश्य के लिहाज से 2026 को चुनावी साल के तौर पर देखा जा रहा है. दक्षिण भारत में केरल और तमिलनाडु से लेकर पूर्वोत्तर के असम और बंगाल सहित पांच राज्यो में विधानसभा चुनाव होंगे. इस दौरान उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक में राज्यसभा चुनाव की असल इम्तिहान होगा, जो संसद के उच्च सदन की तस्वीर काफी बदल जाएगी?

साल 2026 में अप्रैल से लेकर जून और नंबर तक तकरीबन 75 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने है, जिसमें बिहार की पांच और उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीट है. 2026 में होने वाले राज्यसभा चुनाव एनडीए और विपक्षी दलों के 'इंडिया गठबंधन' दोनों के लिए अहम माने जा रहा है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, दिग्विजय सिंह, शरद पवार और कई केंद्रीय मंत्री जैसे हरदीप सिंह पुरी और बीएल वर्मा, रवनीत सिंह बिट्टू, जॉर्ज कुरियन जैसे दिग्गज नेताओं के राज्यसभा का कार्यकाल 2026 में खत्म हो जाएगा. ऐसे में देखना है कि किस दिग्गज नेता की वापसी होती है और कौन से नए चेहरे की संसद में एंट्री होती है?

2026 में 75 राज्यसभा सीटें हो रही खाली

साल 2026 में अप्रैल से लेकर जून और नवंबर तक करीब 75 राज्यसभा की सीटें खाली हो रही है. महाराष्ट्र की 7 राज्यसभा सीटें अप्रैल में खाली हो रही है तो बिहार की पांच सीटें भी अप्रैल में खाली हो जाएंगी. इसके अलावा झारखंड की दो सीटें, आंध्र प्रदेश की 4, झारखंड की 2, तेलंगाना की एक, पश्चिम बंगाल की 5, तमिलनाडु की 6 राज्यसभा सीट खाली हो रही है.

उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटें है, जो नवंबर तक खाली होंगी. इसके अलावा मध्य प्रदेश से लेकर असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम जैसे उत्तर-पूर्वी राज्यों से चुनकर आए राज्यसभा का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है. उत्तराखंड और हिमाचल की भी एक-एक राज्यसभा सीट खाली हो रही है. इसके अलावा राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सीटों का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा.

राज्यसभा में एनडीए के पास 129 सीटें हैं जबकि विपक्ष के पास 78 सीटें हैं. इसलिए ये चुनाव उच्च सदन में शक्ति संतुलन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. इन चुनावों से पता चलेगा कि राज्यसभा में किस पार्टी का दबदबा रहेगा.

बिहार में किसकी होगी उच्च सदन से छुट्टी

बिहार की पांच राज्यसभा सीटें 9 अप्रैल 2026 को खाली हो रही हैं, जिसके चलते मार्च तक चुनाव करा लिए जाएंगे. बिहार से राज्यसभा के जिन 5 नेताओं का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उनमें आरजेडी के प्रेम चंद गुप्ता और अमरेंद्र धारी सिंह (एडी सिंह), जेडीयू के हरिवंश नारायण सिंह और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शामिल हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद राज्यसभा चुनाव के लिए भी सीन बदल गया है. एक राज्यसभा सीट के लिए 41 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. इस लिहाज से बीजेपी और जेडीयू दो-दो सीटें जीतने की हैसियत में है तो एक सीट विपक्ष के खाते में जा सकती है. बीजेपी से राज्यसभा के लिए कई दावेदार है. ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा की राज्यसभा में वापसी पर संकट गहरा सकता है.

महाराष्ट्र में किसे मिलेगा राज्यसभा का मौका

महाराष्ट्र में सात सीटें अप्रैल 2026 में खाली हो रही है. शरद पवार (NCP-SP), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना UBT) और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले जैसे बड़े नेताओं के उच्च सदन का कार्यकाल खत्म हो रहा है. 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सीन बदल गया है. शरद पवार और प्रियंका चतुर्वेदी की संसद में वापसी पर ग्रहण लग सकता है.

महाराष्ट्र में महायुति आसानी से 7 सीटें जीत लेगी और विपक्ष के खाते में सिर्फ एक सीट जा सकती है. ऐसे में कांग्रेस क्या खुद अपने नेता को राज्यसभा भेजी या फिर शरद पवार या उद्धव ठाकरे की पार्टी को भेजने के लिए रजामंद होगी. महाविकास अघाड़ी में सबसे ज्यादा विधायक कांग्रेस के पास है. यही वजह है कि आगामी राज्यसभा चुनाव काफी रोचक होने जा रहा है.

खड़गे और देवगौड़ा में कौन करेगा वापसी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य हैं. उनका कार्यकाल 25 जून 2026 को खत्म हो रहा है. मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी रिटायर होंगे, वे भी कर्नाटक से ही हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 25 जून 2026 को रिटायर होंगे। एचडी देवेगौड़ा और हरिवंश 9 अप्रैल 2026 को रिटायर होंगे.

कर्नाटक में चार राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, जिसमें से तीन सीटें कांग्रेस जीत सकती है. विपक्ष के खाते में सिर्फ एक सीट आनी है. बीजेपी अपने किसी नेता को संसद भेजेगी या फिर जेडीएस को समर्थक करेगी.

यूपी में 10 सीटों पर राज्यसभा चुनाव

उत्तर प्रदेश से मोदी सरकार के दो मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बीएल वर्मा भी रिटायर होने वाले हैं. उनका कार्यकाल 25 नवंबर 2026 को खत्म हो रहा है. इनके साथ ही उत्तर प्रदेश से 8 और सदस्य भी रिटायर होंगे. इन 10 सीटों में 8 सीटें बीजेपी और एक सीट सपा और एक बसपा के पास है. 2026 में रिटायर होने वाले राज्यसभा सांसदों में बृजलाल, सीमा द्विवेदी, चंद्रप्रभा उर्फ गीता, हरदीप सिंह पुरी, रामजी, दिनेश शर्मा, नीरज शेखर, अरुण सिंह और बीएल वर्मा का नाम शामिल हैं. सपा से प्रोफेसर रामगोपाल यादव हैं.

यूपी विधानसभा की मौजूदा संख्याबल की बात करें तो बीजेपी के 258, सपा के 103, अपना दल के 13, रालोद के 9, निषाद पार्टी के 5, सुभासपा के 6, कांग्रेस के 2, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 बसपा 1 और सपा के बागियों कुल 3 सदस्य हैं. यानी कुल 402 सदस्यों की संख्या पूरी है और 1 सीट रिक्त है. इस आधार पर एक राज्यसभा सीट के लिए 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत है.इस गणित के लिहाज से सपा 2 और बीजेपी 8 राज्यसभा सीटें जीत सकती है. बसपा राज्यसभा में जीरो पर सिमट सकती है.

जाने किसकी होगी वापसी और किसकी नहीं
कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए रवनीत सिंह बिट्टू भी रिटायर होने वाले हैं. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था. पंजाब के लुधियाना से चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया. वे राज्यसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनका कार्यकाल 21 जून 2026 को खत्म हो रहा है. ऐसे ही केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी 21 जून 2026 को रिटायर होंगे. दोनों ही नेता मध्य प्रदेश राज्यसभा हैं.

झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्य शिबू सोरेन के निधन से पहले ही राज्यसभा सीट खाली हो गई है. गुजरात के शक्तिसिंह गोहिल का राज्यसभा कार्यकाल खत्म होने वाला है. आंध्र प्रदेश से सना सतीश बाबू (TDP), और वाईएसआरसीपी के नेता अयोध्या रामी रेड्डी, परिमल नथवानी और पिल्ली सुभाष भी रिटायर हो रहे हैं तो तेलंगाना से वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी का कार्यकाल खत्म हो रहा है.

पश्चिम बंगाल से पांच राज्यसभा सदस्य रिटायर होंगे, जिसमें साकेत गोखले भी शामिल हैं. तमिलनाडु से 6 नेता रिटायर होंगे. इनमें पूर्व डिप्टी लोकसभा स्पीकर थंबी दुरई और तिरुचि शिवा भी शामिल हैं. असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर और मिजोरम जैसे उत्तर-पूर्वी राज्यों से भी सदस्य रिटायर होने है. उत्तराखंड से नरेश बंसल तो हिमाचल प्रदेश से इंदु बाला गोस्वामी अगले साल रिटायर हो रही हैं. राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्यों में से पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई का मार्च 2026 में कार्यकाल खत्म हो रहा है.