गुजरात : देश भर में अरुण जेटली (Arun Jaitley)के निधन से लोग शोक में डूबे हुए हैं तो वहीं आदर्श ग्राम योजना के तहत अरुण जेटली (Arun Jaitley)के गोद लिए हुए गांव करनाली में भी शोक का माहौल छाया हुआ है. पिछले महीने 24 अगस्त को अरुण जेटली (Arun Jaitley)का निधन हो गया था.अरुण जेटली (Arun Jaitley)नाज़ुक स्वास्थ्य के कारण मंत्रिमंडल में भी शामिल नहीं हुए थे और पिछले महीने वे एम्स में भर्ती किये गए थे. आज जब गांव के लोग अरुण जेटली (Arun Jaitley)को याद करते है तो उनकी पलकें भीग जाती है. एक राज नेता के लिए इससे बड़ा और क्या हो सकता है.
इस दौर में जहा डर्टी पॉलिटिक्स चर्चा में रहती है और नेताओ के बीच बिना तथ्यों का आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहता है जिससे देश किसी पर भी भरोसा करना सही नहीं समझता वैसे ये नेता के लिए बहुत बड़ी बात है. देश के पूर्व वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री जैसे पद पर रह चुके अरुण जेटली (Arun Jaitley)ने आदर्श ग्राम योजना के तहत वड़ोदरा के डिसा तालुका के करनाली गांव को गोद लिया था जहां उन्होंने मन लगा के गांव का विकास किया.
जेटली ने गांव को गोद लेते ही गांव में विकास का काम शुरू कर दिया था. जेटली के गांव को गोद लेने के बाद से आज गांव में हर एक जरुरी चीज़े मौजूद है. जेटली ने गांव में महिलाओं को रोजगार से लेके सड़क, सोलार लाइट्स जैसी तमाम चीज़ो का विकास किया है. जेटली ने 1000 से 1500 के आबादी वाले गांव में स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स का भी निर्माण करवाया है जिसके बारे में गांव के बच्चो ने सपने में भी नहीं सोचा था.
गांव में तीन मज़िला स्कूल भी बनवाई गई है. गांव के हर घर में नल से पानी आता है. वहीं गांव में पूल न होने के कारण ग्रामीणों को नाव से नदी पार करके दूसरी और जाना पड़ता था जिसमे जान का भी खतरा बना रहता था साथ ही इसमें समय भी बर्बाद होता था. लेकिन अब गांव में पक्के पूल का भी निर्माण करवा दिया गया है जिससे अब लोगों का टाइम भी बचता है और जान का खतरा भी नहीं रहता है.
गांव में पक्की सड़क है सोलर लाइट्स है, ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था है. इस सब के अलावा पर्यावरण को भी ध्यान में रखते हुए वृक्षारोपण भी किया गया है. गांव में इंफ्रास्ट्रक्चर और बाकी विकास के कार्यों के अलावा महिलाओ का भी ख़ास ख़याल रखा गया हैं. स्किल इंडिया के तहत गांव की महिलाओ के लिए कई कैंप करवाए गए जिससे गांव की महिलाएं आत्मनिर्भर हो सखे और आज अगर जो कोई सबसे ज़्यादा जेटली जी को याद करता है तो वे गांव की महिलाए है.
आज जेटली जी की बदौलत वे आत्मा निर्भर भी है उनके बच्चो के लिए गांव में स्कूल है, खेलने के लिए स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स है जिससे गांव की महिलाए बेहद प्रसन्न है. आज जेटली जी के निधन से उतनी ही दुखी भी है. गांव की महिलाए बिलख-बिलख कर रो रही हैं. ऐसे दौर में ऐसा कौन सा नेता होगा जो इस गांव के बारे में सोचेगा. अरुण जेटली (Arun Jaitley)जी के निधन के बाद गांव के लोगों ने अपना धंधा रोज़गार बंध रख कर जेटली जी को श्रद्धांजलि अर्पित की है.