अयोध्या विवाद : अयोध्या जमीन विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज 40वें दिन और अंतिम दिन की सुनवाई हो रही है। जो लगातार चली आ रही है। अगले महीने नवंबर तक राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद मामले का फैसला सुप्रीम कोर्ट दे सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में लगातार 39 दिनों के बाद आज 40 वें दिन बुधवार को अंतिम सुनवाई होगी, जिसकी जानकारी सीजेआई ने मंगलवार को दी थी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने आज कहा था कि सुनवाई मूल रूप से 18 अक्टूबर को समाप्त होनी चाहिए। लेकिन बाद में 17 अक्टूबर रखी गई। सुप्रीम कोर्ट 17 नवंबर तक मुख्य न्यायाधीश के रिटायरमेंट से पहले फैसले की घोषणा करने की उम्मीद है। हिंदू पक्ष राम लला विराजमान का कहना है कि हिंदू सदियों से यहां पूजा करते आए हैं। मुसलमान किसी भी अन्य मस्जिद में प्रार्थना कर सकते हैं। अयोध्या में कई मस्जिदे हैं। लेकिन भगवान राम का जन्म स्थान एक ही है। हम जन्मस्थान नहीं बदल सकते। वहीं मुस्लिम पक्षकार राजीव धवन बोल चुके हैं कि हर सवाल हमसे की क्यों पूछे जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें लगता है कि अदालत हिंदू पक्षों के पर्याप्त सवाल पूछ रही है। तो इसे हल्के में ना लें। बाबरी मस्जिद 1992 में ध्वस्त होने से पहले खड़ी थी वैसी ही चाहिए।
अयोध्या में धारा 144 लागू
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई के आज अंतिम चरण के चलते पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। ऐसे में चार या अधिक लोग के एक जगह इक्ट्ठा खड़े नहीं हो सकते हैं। अंतिम फैसले तक यह जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले के 38वें दिन एक सप्ताह के दशहरे की छुट्टी के बाद फिर से सुनवाई शुरू की थी। जिसका फैसला 17 नवंबर से पहले आने की उम्मीद की जा रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
साल 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि पर फैसला सुनाया था। जिसमें विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बंटा गया है, सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम जन्मभूमि के बीच बंटा गया था था। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चौदह अपील दायर की गई थीं।