पंडवानी को छत्तीसगढ़ लोक गीत शामिल नहीं करने से हताश पंडवानी गायिका
पामगढ़| पड़वानी गायन को छत्तीसगढ़ की लोक गीत में शामिल नहीं करने से पामगढ़ क्षेत्र के कलाकारो ने नाराजगी ब्यक्त की है | जबकि पामगढ़ क्षेत्र की पंडवानी गायिका पूर्णिमा टण्डन बहुत हताश हो गई है | दरअसल खेल एवं युवा कल्याण विभाग जांजगीर चाम्पा द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 01 नवंबर 2019 जिले के सभी विकास खण्ड मुख्यालयों में विकास खण्ड स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन किया गया था | जिसमें अन्य विधाओं के साथ लोक गीत भी शामिल था | पड़वानी को लोक गीत समझकर पामगढ़ की पड़वानी गायिका पूर्णिमा टण्डन अपने टीम के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया और कार्यक्रम की प्रस्तुति दी | पंडवानी गीत में पूर्णिमा केवल अकेली कलाकार थी | किन्तु जिला के लिए चयन नहीं किया गया, जिससे क्षेत्र के कलाकार आश्चर्य में पड़ गए | सभी कलाकारों ने चयन समिति पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए उनके चयन करने की मांग की है |
आपको बता दे की कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने युवा महोत्सव आयोजित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए थे । जिसमें खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार विकासखण्ड स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन एक नवंबर से 15 नवंबर तक किया जाना है । जिला स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन जिला मुख्यालय जांजगीर में 23 नवंबर से 24 नवंबर तक होगा। नगर पालिका के सांस्कृतिक भवन, तुलसी भवन, डाईट हाल एवं हाई स्कूल मैदान में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की थीम पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होगें। जिसमें लोक नृत्य, लोक गीत, एंकाकी नाटक, सुआ नृत्य, कर्मा नाचा, राऊत नाचा, पंथी नृत्य, कत्थक नृत्य, शास्त्रीय गायन, तबला वादन, बांसुरी वादन, मृदंगम वादन, हारमोनियम वादन, गिटार वादन, तात्कालिक भाषण, चित्रकला, फुगड़ी, गेड़ी एवं भौरा आदि विधाओं को सम्मिलित किया गया है। विकासखण्ड स्तरीय आयोजन में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी कलाकार अथवा दल को जिला स्तरीय युवा महोत्सव में भाग लेने का अवसर मिलेगा। जिला स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले दल अथवा कलाकार 12 जनवरी से 14 जनवरी 2020 तक प्रस्तावित राज्य युवा महोत्सव में शामिल हो सकेंगे|
” जिला प्रशासन के निर्देशानुसार विकासखण्ड स्तरीय युवा महोत्सव का आयोजन शुक्रवार को पामगढ़ में किया गया था | जिसमें विभिन्न विधाओं का चयन समिति द्वारा शासन की नियमावली के अनुसार किया गया | पड़वानी गायन इस विधा में नहीं होगा इसलिए गायिका पूर्णिमा का चयन नहीं किया गया होगा |”
डी.एस. यादव( सीइओ जनपद पंचायत पामगढ़ )
अंतर्राष्ट्रीय पंडवानी गायिका डॉ. तीजन बाई को अपना आदर्श मानने वाली पामगढ़ की गायिका पूर्णिमा टण्डन ने अपने ऊपर भेदभाव का आरोप लगते हुए कहा की मेरे साथ अन्याय हुआ है | पड़वानी को छत्तीसगढ़ की लोक गीत के रूप जाना जाता है ये मैं बचपन से सुनती आ रही हु और प्रदेश के अधिकांश जिले में मैंने पंडवानी का आयोजन होते देखा है | किन्तु छत्तीसगढ़ में इसे लोक गीत का दर्ज नहीं होने से मैं बहुत हताश हो गई हु |
पंडवानी गायिका पूर्णिमा टण्डन
छत्तीसगढ़ के नामी कलाकारों के मंच का मैंने संचालन किया है | मैं बचपन से ही छत्तीसगढ़ लोककला मंच का हिस्सा रहा हु | मैं प्रदेश के साथ साथ अन्य राज्यों में भी अपनी प्रस्तुति दी है | जहा तक मुझे जानकारी है झाडूराम देवांगन छत्तीसगढ़ी लोक संगीत पंडवानी के पितामह कहे जाते हैं. पंडवानी को पूरे देश प्रसिद्ध पंडवानी गायिका पद्मश्री तीजन बाई उन्हीं की शिष्या हैं| पामगढ़ में आज पंडवानी गीत को लोक गीत के रूप में शामिल नहीं करना मेरे समझ से परे है |
रोहित रत्नाकर (मंच संचालक छत्तीसगढ़ लोक कला मंच )
पंडवानी को छत्तीसगढ़ में लोक गीत का दर्जा है, इसका उदाहरण अंतर्राष्ट्रीय पंडवानी गायिका डॉ. तीजन बाई है | जिन्हे इस विधा के लिए राष्ट्रपति से पुरस्कार मिला है | पामगढ़ में पंडवानी गायिका का चयन नहीं होना बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है |
हृदय अनंत,(वरिष्ठ लोक कलाकार, छ ग फ़िल्म असोसिएशन जांजगीर जिलाध्यक्ष, सचिव प्रदेश कांग्रेस साहित्य एवम सांस्कृतिक प्रकोष्ठ)
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