अयोध्या मामले में न करें उकसाने वाली बयानबाजी : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को सलाह

अयोध्या केस में फैसले की घड़ी करीब आ गई है। देश के सबसे चर्चित और सबसे विवादित इस मुकदमे की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में पूरी हो चुकी है और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) रंजन गोगोई के रिटायरमेंट की तारीख यानी 17 नवंबर से पहले फैसला सुनाया जाना है। इस बीच, फैसले से पहले देश में हलचल तेज हो गई है। सभी पक्षों का यही कहना है कि फैसला किसी के पक्ष में आए, उसका सम्मान किया जाना है। देश में अमन और शांति के पैगाम दिए जा रहे हैं। सरकार भी सतर्क है। सोशलमीडिया पर खास नजर रखी जा रही है और भड़काऊ पोस्ट करने वालों को चेताया जा रहा है। पढ़िए लाइव अपडेट्स –

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को सलाह दी है कि वे अयोध्या केस में उकसाने वाली बयानबाजी से बचें। 6 नवंबर, बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पीएम ने अपील की कि सभी मंत्री देश में शांति और अमन बनाए रखने में सहयोग करें।

यूपी पुलिस ने बुधवार को गोरखपुर में फ्लैगमार्च किया। अयोध्या फैसले से मद्देनजर यह कवायद की गई है। वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी बुधवार को दंगा रोकने की मॉक ड्रिल की गई। जबलपुर में अगले 15 दिन के लिए जिला प्रशासन और पुलिस हाईअलर्ट पर है। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस ने बुधवार को संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया। वहीं महाराष्ट्र के प्रमुख शहरों समेत मुंबई में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अयोध्या में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश में 7 आतंकियों के दाखिल होने की खुफिया सूचना के बाद हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा ने मुस्लिम नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। 6 नवंबर को राजधानी दिल्ली में मुस्लिम समुदाय के शिक्षाविदों, प्रमुख लोगों तथा मौलवियों की बैठक बुलाई गई, जिसमें सहभागियों ने सामाजिक सौहार्द और एकता बनाए रखने पर जोर दिया।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी अपने नेताओं से कहा है कि जब तक इस केस पर फैसला नहीं आ जाता, टिप्पणी करने से बचा जाए। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने 6 नवंबर को लखनऊ में कहा- ‘राममंदिर मुद्दे पर हम बेहद सतर्क हैं। हमारे कुछ नेता विवादित टिप्पणियां करते हैं, उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए।’

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