छत्तीसगढ़ में वृद्धा पेंशन योजना की आड़ में 9.64 करोड़ रुपए की धांधली करने का मामला सामने आया है. इस मामले में सूचना का अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी से बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है. इंदिरा राष्ट्रीय वृद्दा पेंशन योजना की आड़ में जमकर धांधली की गई, सामाज-कल्याण विभाग द्वारा पांच तरह की पेंशन योजना का संचालन किया जाता है, जिसमें वर्ष 2012 से लेकर 2015 तक वितरित पेंशन राशि में मृतकों और अपात्र लोगों को भी योजना का लाभ देने का मामला सामने आया है. छानबीन के दौरान घोटाले का खुलासा हुआ.
छत्तीसगढ़ के कोष एवं लेखा विभाग ने धांधली पकड़ी, लेकिन कार्रवाई अब तक नहीं हो सकी है. मामले की परत तब खुली जब आरटीआई के तहत जानकारी ली गई. मिली जानकारी के मुताबिक, पेंशन योजना में जशपुर, सूरजपूर, कबीरधाम, राजनांदगांव और दुर्ग में धांधली की गई. पेंशन में 150, 275, 300, और 600 रुपये दिया जाता था. यह पूरा घोटाला (तीन वर्षों) में 9.64 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने बताया कि दस्तावेज से खुलासा हुआ है कि कई ऐसे लोगों के नाम पर पेंशन की राशि जारी की जाती रही, जिनकी मृत्यु हो चुकी है. छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि घोटाला करने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. संबंधित लोगों से मामले में रिपोर्ट ली जाएगी. इसके बाद नियमानुसार कार्रवाई जरूर की जाएगी. बहरहाल, पेंशन योजना के नाम पर जिस तरह से घोटाला हुआ और घोटालेबाजों पर अभी तक कार्रवाई न होने से सवाल उठने लगे हैं.(news18)