रायबरेली जिले के एक बाल गृह में फिर से बच्चों ने हंगामा किया। दरअसल, बाल कल्याण अधिकारी की बच्चों द्वारा पिटाई के मामले की जांच करने बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी पहुंची थीं।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में स्थित बाल कल्याण गृह में शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां हर दिन के साथ बच्चे उग्र होते दिख रहे हैं। बाल संरक्षण आयोग की सदस्य सुचिता चतुर्वेदी शुक्रवार को मामले की जांच करने पहुंची थीं। इस दौरान वहां मौजूद बच्चों ने फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया। बच्चों द्वारा लकड़ी के पलंग तोड़े जाने का भी विडियो सामने आया है। बता दें कि सुचिता चतुर्वेदी तीन दिन पहले बाल कल्याण अधिकारी की छात्रों द्वारा पिटाई के मामले की जांच करने पहुंची थीं।
बच्चों को नहीं मिलती सुविधाएं‘
सुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि बाल गृह का स्टोर भी व्यवस्थित हालत में नहीं मिला। यहां छह महीने से बच्चों को टूथब्रश नहीं दिया गया। एक साबुन में सभी बच्चे काम चलाते हैं। हालांकि, नियम के अनुसार एक साबुन, एक पेस्ट, एक तेल की शीशी, एक शैंपू बच्चों को देने का प्रावधान है। शैंपू को स्टोर में संरक्षित किया गया है। यही नहीं, बच्चों को जिस तरह से माता-पिता संस्कार देते हैं, उसकी भी भूमिका में यहां कोई नजर नहीं आया है।
क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि 11 नवंबर (सोमवार) को बाल कल्याण अधिकारी की पिटाई की घटना स्कूल में क्लास रूम में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी। इसमें बच्चों के इस समूह में से एक को उन पर कुर्सी से वार करते हुए भी देखा गया। पीड़िता का आरोप है कि गांधी सेवा निकेतन के प्रबंधक ने बच्चों को इस हमले के लिए उकसाया है।
#WATCH A child welfare official, Mamata Dubey, was thrashed by students at Gandhi Sewa Niketan in Raebareli, yesterday. pic.twitter.com/ZCBGJeZ8Z3
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 12, 2019