शाम को शरद पवार के साथ दिखे NCP के तीन और विधायक ‘लापता’

मुंबई(एजेन्सी)| महाराष्ट्र में अजित पवार के साथ मिलकर देवेंद्र फडणवीस के सरकार बनाने के बाद से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है. शरद पवार ने अजित पवार को एनसीपी (NCP) से बाहर कर दिया है और जयंत पाटिल को एनसीपी के विधायक दल का प्रभारी नेता बनाया गया है.

खास बात यह है कि कल शाम को एनसीपी के जो 50 विधायक शरद पवार के साथ दिखे थे उनमें अब तीन विधायक और लापता हो गए हैं. इस बात की जानकारी जयंत पाटिल ने दी है. उन्‍होंने बताया कि अजित पवार समेत सात विधायकों से संपर्क नहीं है. बता दें कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को 30 नवंबर तक सदन में बहुमत साबित करना है.

पांच विधयकों ने सुबह सरकार बनवाई शाम में पार्टी में लौटे
नासिक जिले के राकांपा विधायक दिलीप बंकर और माणिकराव कोकाटे ने अलग-अलग ट्वीट करके कहा कि शपथग्रहण समारोह के बारे में उन्हें अंधेरे में रखा गया था. इससे पहले पांच राकांपा विधायक (राजेंद्र सिंगणे (बुलढाणा), संदीप क्षीरसागर (बीड), सुनील शेल्के (मवाल), सील भुसारा (विक्रमगाड), नरहरि जिरवाल (डिंडोरी) और सुनील टिंगरे (वडगांव शेरी)) ने सुबह शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद वापस पार्टी में लौट आये. पर्ली से रांकपा विधायक धनंजय मुंडे के बारे में कहा गया था कि वह भी राजभवन में आयोजित समारोह में शामिल थे. हालांकि, शरद पवार की ओर से चल रही पार्टी के विधायकों की बैठक में वह शामिल हुए हैं.

‘अजित दादा के कहने पर मैं राजभवन पहुंचा’
राकांपा प्रमुख शरद पवार और सुप्रिया सुले को टैग करते हुए कोकाटे ने ट्वीट किया, ‘मैं पार्टी के खिलाफ नहीं गया हूं. अजीत दादा पवार ने मुझे कहा तो मैं राजभवन पहुंचा. चूंकि, वह पार्टी विधायक दल के नेता हैं, इसलिए मैंने उनके आदेश का पालन किया.’

विधायकों को नहीं पता था राजभवन आने का कारण

सिन्नार विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधितव करने वाले कोकाटे ने लिखा, ‘वहां क्या होने जा रहा है, इसकी मुझे भनक तक नहीं थी. मैं पार्टी के साथ हूं और लिये गये फैसले को मैं कभी नहीं बदलूंगा. निफाड के विधायक बंकर ने भी कहा कि उनका भरोसा पार्टी प्रमुख शरद पवार के नेतृत्व में है. बंकर ने कहा कि उन्हें भी अजित पवार की ओर से राजभवन पहुंचने के लिए कहा गया था और वहां क्या होने वाला है इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं थी.

इससे पहले शरद पवार के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिंगणे ने कहा, ‘जब मैं राजभवन पहुंचा, तो मैंने देखा कि आठ से दस विधायक वहां पहले से मौजूद हैं. हम में से किसी को यह पता नहीं था कि हमें वहां क्यों बुलाया गया है. शपथ ग्रहण समारोह के बाद हम पवार साहब से मिलने गए.’ उन्होंने कहा, ‘यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि कुछ गलतफहमी थी, चूंकि अजित पवार ने हमें बुलाया था.’

शरद पवार को बताई कहानी
शरद पवार ने इससे पहले कहा था कि अजित पवार राकांपा विधायक दल के नेता हैं और यही कारण है कि उनके पास सभी 54 विधायकों के हस्ताक्षर, नाम एवं विधानसभा क्षेत्र वार सूची मौजूद थी जो पार्टी के आंतरिक कार्यों के लिए थी. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि उसने वहीं सूची राज्यपाल को समर्थन पत्र के तौर पर सौंपी है. अगर यह सही है, तो राज्यपाल को गुमराह किया गया है. ‘महाराष्ट्र के 288 सदस्यीय सदन में भाजपा के 105, शिवसेना के 56, राकांपा के 54 तथा कांग्रेस के 44 विधायक हैं. बहुमत का आंकड़ा 145 है.

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