गुरू घासीदास बाबा जी का जीवन, उनके कार्य और उपदेश आज भी प्रासांगिक : डॉ. शिवकुमार डहरिया

गुरू बाबा घासीदास जी समता, समरसता और भाईचारे के प्रतीक हैं। बाबा जी का जीवन, उनके कार्य, और उनके उपदेश आज भी प्रासांगिक है। नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा मुख्यमंत्री भूपेश के नेतृत्व में राज्य सरकार गुरू बाबा घासीदास के बताये हुए मार्ग में चलकर सामाजिक समरसता के साथ काम कर रही है। सभी वर्ग और समाज के अंतिम छोर के अंतिम व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। डॉ. डहरिया कल 18 दिसम्बर को गुरू घासीदास बाबा जी की 263वीं जयंती के उपलक्ष्य में राजधानी रायपुर के टिकरापारा और पेंशन बाड़ा स्थित छात्रवासों में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित छात्र-छात्राओं को गुरूपर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि छात्र जीवन भविष्य निर्माण की दिशा तय होती है। अतः समय का सदुपयोग करें, अपने परिवार, समाज और प्रदेश के लिए मिशाल बने। उन्होंने कहा कि लगन और ईमानदारी से मेहनत करने वालों को सफलता अवश्य मिलती है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर ने ऐसी विकट परिस्थिति में जब समाज में सामाजिक कुरीतिंया, प्रथाएं जैसी सामाजिक बुराई व्याप्त थी, पढ़-लिखकर आगे निकले और भारत का संविधान बनाया। अम्बेडकर जी के संविधान में भी गुरू घासीदास बाबा जी के ‘मनखे-मनखे एके बरोबर’ सभी को समता, समानता का अधिकार के रूप में अधिनियमित है।

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डॉ. डहरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति सहित ऐसे पिछडे़ तबके के लोगों के लिए जो विकास की दौड़ में पीछे रह गए है, उनके समुचित विकास के लिए विशेष योजना बनाकर काम कर रहीं है। प्रदेश के छात्रावासों, आश्रमों में सभी आवष्यक सुविधाएं सहित सीटों की संख्या बढ़ाने और शैक्षणिक गुणवत्ता की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे है। कार्यक्रम को वरिष्ठ समाज सेवक श्री हरनाम सिंह ने भी सम्बोधित किया। इस मौके राजधानी रायपुर के विभिन्न छात्रवासों से आए छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। जयंती कार्यक्रम में छात्रवासों के छात्रसंघ अध्यक्ष, अधिक्षकगण, वरिष्ठ छात्रगण सहित मुहल्लेवासी बड़ी संख्या में शामिल हुए।