Johar36garh| मैं सतनामी हूँ, यहाँ मौजूद हर शख्स सतनामी है जो सत्य को मानता है और सत्य की राह पर चलता है, वह सतनामी है| गिरौदपुरी से लगा हुआ जांजगीर क्षेत्र बाबा गुरु घासीदास के बताये मार्ग पर चल रहा है | इस कारण से यहाँ के लोग बहुत शांत और सहज है| ये बातें छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सतनामी/सूर्यवशीं समाज पामगढ़ द्वारा सतनाम भवन में रविवार को आयोजित गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम के दौरान कही | इससे पूर्व सभी अतिथियों ने बाबा के प्रतिक चिन्ह जैतखाम पर पूजा अर्चना की | डॉ. महंत ने कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ी भाषा में संबोधित करते हुए कहा की आज सभी पार्टी के लोग इस मंच पर बैठे हैं, यह बाबा जी की ही देन है, बाबा जी किसी पार्टी या समाज के नहीं थे न ही किसी जाति के थे | उनका सन्देश हम सभी के लिए था, पुरे जगत के लिए था |
मिनीमाता ने दिया था परिवार को जीवनदान
डॉ. महंत पुराने दिनों को याद करते हुए कहा की मिनीमाता उनके पिता स्व. बिसाहू दास महंत जी को राखी बांधती थी| स्व. महंत विधायक थे और मिनीमाता जी सांसद थी | वे अक्सर भोपाल स्थित उनके निवास पर आती थी भोजन करके जाती थी | 11 अगस्त 1972 को मिनीमाता जी को प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी का फोन आया, और उन्हें तत्काल दिल्ली पुलाया था | वहा जाने का कोई साधन नहीं था जो उन्हें तत्काल दिल्ली पंहुचा सके, और प्लेन की पूरी सीट फूल थी, मेरे पिता जी भी दिल्ली जा रहे थे | मिनीमाता जी ने पूरा हाल सुनाया तो तत्काल पिता जी ने अपनी टिकट उन्हें दे दी और मिनी माता जी दिल्ली के लिए रवाना हो गई | फिर पालम हवाई अड्डे के पास वह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया | अगर मेरे पिता जी उस विमान पर जाते तो शायद हमारा परिवार आज बिखर जाता| इसलिए मेरा परिवार हमेशा मिनीमाता का ऋणी रहेगा | तब से हम गुरु परिवार का विशेष ध्यान रखते हैं |
बाबा जी के 7 संदेशों पर चले
डॉ. महंत ने अपने संबोधन में कहा की गुरु घासीदास जी ने केवल 7 संदेश ही लोगों के लिए दिए है, उन पर ही हम सबको चलना है, लेकिन हम उनके बताए मार्ग पर नहीं चल पा रहे है, उन्होंने लोगों से बाबा जी के 7 संदेशो पर चलने का आह्वान किया | उन्होंने कहा की बाबा जी के बताए मार्ग से प्रभावित होकर 45 जाति के लोग सतनामी समाज में शामिल हुए है | इसलिए हम सभी को भी उनके संदेशों का पालन करना चाहिए |
देश के मालिक है डॉ. अंबेडकर
डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर को देखते हुए उन्होंने कहा की बाबा साहेब देश के मालिक हैं इन्होंने संविधान बनाते समय नहीं देखा की कौन क्या है सभी को एक तराजू में रखकर सभी के लिए सामान अधिकार दिए | डॉ. अंबेडकर के संविधान में सभी संतो की वाणी झलकती है | गुरु घासीदास जी ने सन्देश दिया मानव-मानव एक सामान, तो डॉ. साहेब ने भी देश के सभी लोगों को सामान नागरिकता दे दी | संविधान में किसी के लिए कोई भेद नहीं है, न जाति में, न रंग रूप में, न छोटे बड़े में, न ही धर्म में और न महिला पुरुष में | डॉ. साहेब ने हम सभी को एक करने के लिए ये संविधान बनाया है | देश में जितने भी संत हुए है और उन्होंने जो भी सन्देश जनमानस को दिए हैं उन्हीं को डॉ. अंबेडकर ने संविधान में लिखित रूप बनाया है | डॉ. महंत ने अपने उद्बोधन के बाद जय भीम के नारे लगाए |
इससे पूर्व कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद गुहाराम अजगल्ले ने कहा की छत्तीसगढ़ के लोग बाबा जी के बताए मार्गों में चलते है इसलिए यह प्रदेश अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत शांत है | बाबा जी ने शांति का सन्देश लोगों को दिया है| बाबा जी का ही प्रभाव है जो यहां के लोग अमन, चैन और शांति के साथ जीते हैं | उन्होंने डॉ. महंत द्वारा विधानसभा में शपथ के दौरान कही बात को याद किया | दरअसल डॉ. महंत ने शपथ में कबीर का दोहा पढ़ा था | कबीरा खड़ा बाज़ार में, मांगे सबकी खैर! ना काहू से दोस्ती, न काहू से बैर |
सतनामी/सूर्यवशीं समाज पामगढ़ द्वारा आयोजित गुरु घासीदास कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों में जिला पंचायत अध्यक्ष नंदकिशोर हरवंश, जनपद पंचायत अध्यक्ष डमरू मनहर, जिपं सभापति प्रेमचंद जायसी, जिपं सदस्य प्रीति अजय दिब्य, सरपंच नेहा देव लहरे, पूर्व विधायक अम्बेश जांगड़े व दूजराम बौद्ध, रवि शेखर भारद्वाज, उत्तम भारद्वाज, शेषराज हरबंश, मनोज खरे आदि थे |
कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में सतनामी/सूर्यवशीं समाज पामगढ़ के अध्यक्ष विभीषण पात्रे ने किया, उन्होंने समिति के स्वरुप और उद्देश्यों को बताया| कार्यक्रम में पामगढ़ के सभी गावों के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए थे | कार्यक्रम का संचालन मशहूर लोक कलाकार रोहित रत्नाकर के किया |
नगर में निकली शोभायात्रा
गुरु घासीदास जयंती कार्यक्रम के अवसर पर दोपहर 12 बजे पंज प्यारों को अगुआई में गाजे बाजे के साथ बाबा जी की शोभायात्रा निकाली गई, जिसमे बड़ी संख्या में समाज की पुरुष, महिलाएँ और बच्चे शामिल हुए, शोभायात्रा सतनाम भवन से निकलकर पुराना सोमवारी चौक होते हुए डॉ. अंबेडकर चौक पहुंची| जहाँ समाज के लोगों ने डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया | शोभायात्रा मुख्य मार्गों से होते हुए चण्डीपारा बाजार के जैतखाम पहुंची | जहाँ पूजा अर्चना के बाद पुनः सतनाम भवन के लिए रवाना हुई |