Johar36garh (Web Desk)| मेहनत मजदूरी कर अपने और अपने परिवार का पेट पालने वाले ये मजदूर हैं, ये वही लोग हैं जो बड़ी-बड़ी इमारतों की नींव रचते हैं, और आलिशान महलों का निर्माण कर खुद झोपड़ी में रहने वाले ये लोग अशल जिंदगी में बहुत बेबस और लाचार होते हैं| इस बात का अंदाज़ा आप लॉक डाउन में फसे छत्तीसगढ़ के 67 लोगों की बेबसी से लगाया जा सकता है | आज हम ऐसे ही छत्तीसगढ़ जांजगीर जिला के पामगढ़ ब्लॉक और इससे लगे अन्य ब्लॉक के 67 लोगों का दर्द आपके सामने रखने की कोशिश करते हैं, जिसे हमें इन लोगों ने रो-रो कर सुनाया |
इन लोगों को गुजरात में कही पर सिर छुपाने के लिए सहारा नहीं मिल रहा, पहले जिस ईंट भठ्ठे में काम करने गए थे, वहां के भठ्ठा मालिकों ने उनका झोपड़ी तोड़कर वहां से भगा दिया, छोटे-छोटे बच्चों के साथ ये लोग वहां से किसी महफूज जगह की तलाश में निकल गए |
100 किलो मीटर पैदल चलकर ये गुरुवार को बड़ोदरा जिले के गोल्डन चौक पहुंचे, यहां इन्हें ओवर ब्रिज मिला जिसके के नीचे ये लोग ठहर गए| छोटे-छोटे बच्चों की चीख पुकार सुनकर कुछ लोगों का दिल पसीजा और इन्हें कुछ खाने की ब्यवस्था कराई, लेकिन यहां ठहरना गुजरात पुलिस रास नहीं आया| उन्होंने इस जगह को खाली करने का फरमान जारी कर दिया | पुलिस वाले ने अपने इलाका से दूर जाने को कह दिया | इनके सामने परेशानी और बढ़ गई है की अब कहा जाए |
ये लोग छत्तीसगढ़ से अपने परिवार समेत गुजरात अहमदाबाद जिला हरियाण मुआड़ी के ईंट भठ्ठा में काम करने के लिए गए थे | कुछ दिन हुए थे की महामारी के कारण देश में लॉक डाउन हो गया| जिसके कारण इनके हाथ से रोजी रोटी भी छीन गई, जो कुछ दिन काम किए थे उसका भी पैसा पूरी तरह नहीं मिल पाया, जो कुछ घर से लाए थे उसे ही घर चलाए, भठ्ठा मालिक से राशन भी ठीक से नहीं मिलता था | अब वह भी राशन नहीं दे सकूंगा कहते हुए हमारे बर्तन फेक दिए और आशियाना उजाड़ दिए |
किस गांव से कितने लोग हैं
टांगर (मस्तूरी) पुरुष 9 महिला 8 बच्चे 12
भिलौनी (पामगढ़) पुरुष 3 महिला 3 बच्चे 4
जोरैला (पामगढ़) पुरुष 3 महिला 3 बच्चे 3
मेकरी (पामगढ़) पुरुष 1 महिला 2 बच्चे 2
रसौटा (पामगढ़) पुरुष 1 महिला 1 बच्चे 1
अकलतरा पुरुष 3 महिला 1
विशाल हरदी पुरुष 2 महिला 2 बच्चे 3
कोरोना का पता नहीं लेकिन भूख से जरूर मर जाएंगे
इस सभी मजदूरों ने बताया की हमारी स्थिति इतनी ख़राब हो चुकी है की कोरोना का पता नहीं मगर हम लोग भूख से अवश्य मर जाएंगे | किधर जाए कुछ समझ नहीं आ रहा है | कोई साधन भी नहीं दिख रहा है, इधर पुलिस वाले कही भी रहने नहीं दे रहे हैं | उधर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिए गए नंबर भी नहीं लग रहे हैं | उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जल्द से जल्द उन्हें अपने घर पहुंचाने का आग्रह किया है |