Johar36garh (Web Desk)| उदयपुर (Udaipur) के घंटाघर थाना पुलिस ने करोड़ों की चोरी का एक मामला दर्ज किया है. घंटाघर थाने के सामने स्थित परमात्मा ज्वेलर्स (Parmatma Jewelers) से 10 किलो सोना और 11 किलो चांदी के जेवरात चोरी होने की रिपोर्ट थाने में शोरूम के निदेशकों ने दर्ज कराई है. हालांकि यह शोरूम पिछले 14 वर्षों से बंद है. ऐसे में पुलिस में रिपोर्ट तो दर्ज कर ली है. लेकिन सभी पहलुओं पर जांच भी की जा रही है. जानकारी मिली है कि साल 1995 में परमात्मा ज्वेलर्स नाम की शोरूम का शुभारंभ किया गया. निदेशकों ने साल 2006 तक शोरूम का संचालन किया और फिर आपसी विवाद के चलते इसे बंद कर दिया गया.
बताया जा रहा है कि कंपनी के निदेशको ने शोरूम को बंद करने के समय उसमें रखे सोने-चांदी के जेवरात अंदर ही छोड़ दिए थे और 2006 के बाद अब तक इस शोरूम को नहीं खोला गया है. पुलिस को दिए गए परिवाद में कंपनी के निदेशकों ने बताया कि जब शोरूम को बंद किया गया तब उसमें 10 किलो सोने के जेवरात थे. जिसमें हार सेट, कान के झुमके व टॉप्स और अंगूठियों सहित अन्य सामान था. वहीं 11 किलो चांदी के मूर्तियां और बर्तन रखे हुए थे. यही नहीं दुकान में फर्नीचर और अन्य सामान के साथ पांच एसी भी लगे हुए थे.
पुलिस को दिए परिवाद में निदेशकों ने बताया कि सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष यशवंत आंचलिया द्वारा दो-तीन दिन पूर्व एक वीडियो शोरूम के निदेशक आशा मेहता के पुत्र को भेजा गया. इसमें बताया गया कि शोरूम के अंदर एक व्यक्ति प्रवेश कर रहा है और चोरी का अंदेशा भी जताया गया. उस वीडियो के आधार पर अन्य निदेशकों से भी संपर्क किया गया और इस घटना की संभावना से अवगत कराया गया. ऐसे में निदेशकों ने बैठक कर शोरूम को खोलने का निर्णय लिया. शोरूम को जब खोला गया तो उसमें सामान पूरी तरह से बिखरा हुआ था और शोरूम बंद करते समय अंदर छोड़ा गया 10 किलो सोना और 11 किलो चांदी के जेवरात भी गायब थे.
परिवादियों ने घंटाघर थाने में परिवाद दर्ज कराते हुए चोरी की घटना का जल्द पर्दाफाश कर सोने और चांदी को बरामद करने के लिए निवेदन किया है. हालांकि पुलिस इस मामले में कई पहलुओं को लेकर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है.
परिवाद मिलने पर पुलिस ने चोरी का मामला दर्ज तो कर लिया है. लेकिन पुलिस के मन में यह सवाल अभी भी कायम है कि आखिर इतनी बड़ी तादाद में सोने और चांदी को 13 साल तक क्यों दुकान के अंदर छोड़ा गया और निदेशकों में विवाद की दशा में सामान का बंटवारा क्यों नहीं किया गया. पुलिस अपनी तफ्तीश में ऐसे कई सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश करेगी.