Johar36garh (Web Desk)| कोरोना वायरस (COVID-19) की दवा इजाद करने का दावा करने वाली स्वामी रामदेव (Swami Ramdeva) की पतंजलि योग पीठ की दिव्य फार्मेसी (Divya Yoga Pharmecy) मुश्किल में पड़ सकती है. कंपनी को सर्दी-जुकाम की दवा बनाने का लाइसेंस जारी किया था, लेकिन पतंजलि ने कोरोना की दवा बनाने का दावा किया. इसी बात को आधार बनाकर अब नोटिस जारी किया गया है. स्टेट ड्रग कंट्रोलर ने दिव्य योग फार्मेसी को नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस में पूछा गया है कि दिव्य योग फार्मेसी ने कोरोना की जो दवा बनाने का दावा किया है उसका आधार क्या है? फार्मेसी ने कोरोना किट बनाने की परमिशन कहां से ली और दूसरा प्रचार-प्रसार के लिए परमिशन क्यों नहीं ली? कहा गया है कि फार्मेसी ने ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट-1940 की धारा-170 का उल्लंघन कर भ्रामक प्रचार किया है.
स्टेट ड्रग कंट्रोलर द्वारा दिव्य योग फार्मेसी को भेजे नोटिस में कहा गया है कि कोई भी इस तरह का मैजिकल ट्रीटमेंट का दावा नहीं कर सकता. फिर बाबा रामदेव किस आधार पर कोरोना मरीजों के शत-प्रतिशत ठीक होने का दावा कर रहे हैं. फार्मेसी ने इसमें भी ड्रग एंड मैजिक एक्ट-1954 का उल्लंघन किया है. आयुष विभाग के स्टेट ड्रग कंट्रोलर यतेंद्र सिंह रावत का कहना है कि यदि फार्मेसी ने नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो विभाग द्वारा जो लाइसेंस इम्यूनिटी बूस्टर दवाओं के लिए जारी किया गया है, उसे निरस्त भी किया जा सकता है.
पतंजलि ने मंगलवार को COVID-19 की दवा कोरोनिल इजाद करने का दावा करते हुए इसे लॉन्च किया था. इसके बाद मामला सुर्खियों में आया तो केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने भी संज्ञान लिया. मंत्रालय ने पतंजलि को नोटिस भेजकर तत्काल दवा के प्रचार-प्रसार पर रोक लगा दी. आयुष मंत्रालय का कहना था कि बिना आईसीएमआर (ICMR) की प्रमाणिकता के फार्मेसी ऐसा मैजिक क्लेम कैसे कर सकती है. केंद्र ने उत्तराखंड के आयुष विभाग को भी पत्र भेजकर मामले से जुड़ी सारी पत्रावलियां तलब की थीं.
आयुष मंत्रालय के हरकत में आने के बाद इधर, उत्तराखंड के आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने भी ऐसा कोई लाइसेंस जारी करने से इंकार किया है. वहीं, मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है. केंद्र ने इसका संज्ञान लिया है, राज्य सरकार को भी तत्काल एक्शन लेना चाहिए. इधर, शासकीय प्रवक्ता एवं हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक को ये विषय गंभीर नहीं लगता है. मदन कौशिक कहते हैं कि बाबा रामदेव आयुर्वेद के क्षेत्र में बड़ा नाम हैं. कुछ प्रक्रिया अधूरी रह गई होगी, वो पूरी हो जाती है तो क्या दिक्कत है.
नोटिस में पूछा गया-पतंजलि को कोरोना किट न्यूज चैनलों पर दिखाने की परमिशन कहाँ से मिली। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट1940 के नियम170 के तहत उत्पाद का विज्ञापन करने के लिए लाइसेंस अथॉरिटी से परमिशन लेनी होती है। DMRI 1954 के अंतर्गत इस तरह के क्लेम करना वैधानिक नहीं है: लाइसेंस ऑफिसर
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2020
#पतंजलि के कोरोना की दवा बनाने के दावे पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय के रिपोर्ट मांगने के बाद उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग ने पतंजलि के दावों को गलत बताते हुए नोटिस जारी किया है: वाई.एस. रावत, लाइसेंस ऑफिसर उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2020
As per Patanjali's application, we issued them license. They didn't mention coronavirus, we only approved license for immunity booster, cough & fever. We'll issue them a notice asking how they got permission to make the kit (for COVID19): Licence Officer, Uttarakhand Ayurved Dept pic.twitter.com/I7CWKoJhbK
— ANI (@ANI) June 24, 2020