Johar36garh News|अमलीपदर के ग्राम कौंधकेरा (विश्रामपुरी बस्तर) निवासी अखिलेश्वरानंद महाराज का आकस्मिक निधन हो गया। रायपुर बाल्को (कैंसर हॉस्पिटल) मैं इनका महीना भर से इलाज चल रहा था एवं दिनांक 18 अगस्त 2020 को दोपहर 12:00 बजे इनका निधन हो गया एवं उनके निज गृह ग्राम कोंडकेरा मैं इनका अंतिम संस्कार किया गया जिनका अगला कार्यक्रम ग्राम कौंधकेरा ( विश्रामपुरी) में दशगात्र 28-10-2020 को रखा गया है ।
श्री खिलेश्वरानंद जी महाराज मात्र 20 वर्ष की आयु में सारे वेद वेदांत एवं कर्मकांड में पारंगत हो चुके थे।
आप सभी को विदित हो कि रामानुज खिलेश्वरानंद ग्राम अमलीपदर श्री जगन्नाथ मंदिर में रहकर सभी प्रकार के वेद वेदांत मे पारंगत हो चुके थे । एवं संगीत के भी बड़े अच्छे जानकार थे। तथा संगीत के सभी वाद्य यंत्रो के बड़े अच्छे महारत थे । एवं संगीत के सारे सुर एवं रागो को बड़े अच्छे ढंग से गा लेते थे। वे महादेव के अनन्य भक्त थे । एवं सुप्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर अमलीपदर में रहते हुए जगन्नाथ जी की सेवा करते हुए अपने गुरुकुल में सभी पुराण शास्त्रों के अध्ययन एवं कंठसस्ती करण करते थे। वे सभी प्रकार के ज्ञान प्राप्त करके घर लौटे एवं अपने क्षेत्र में धर्म का प्रचार कीर्तन रामायण आदि अनुष्ठान कर बस्तर अंचल को धर्म मय बना दिए थे ।
सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान एवं कर्मकांड करते हुए अपने माता-पिता की सेवा करते थे इनका उम्र मात्र 21 वर्ष था इनके सदाचार में आचरण को देखते हुए । बस्तर अंचल के जनसैलाब इन पर बहुत प्रभावित थे । एवं श्री खिलेश्वरानंद महाराज जी को अपना आचार्य मानते थे । इनके जाने के बाद ग्राम कौंधकेरा ( विश्रामपुरी ) सहित बस्तर अंचल में शोक की लहर छा गई एवं इनके गुरुग्राम अमलीपदर के सभी लोग शोक सागर में डूब गए। आचार्य खिलेश्वरानंद जी अपने गुरुदेव भागवताचार्य युवराज पांडेय श्री जगन्नाथ मंदिर अमलीपदर के सर्वश्रेष्ठ शिष्य थे। एवं इनके भागवत कथा एवं धार्मिक अनुष्ठान आदि सारे कार्यों में उपाचार्य थे। एवं इनके गुरु युवराज पांडेय जी इनको 12 वर्ष की उम्र से ही अपने समक्ष रखकर अपने जेष्ठ पुत्र मानकर अपने सारे कार्यों के उत्तराधिकारी बनाए थे ।
एवं उनके गुरु ग्राम अमलीपदर के सभी लोग भी इन से बहुत लगाव एवं अपनापन रखते थे
पंडित खिलेश्वर आनंद जी गुरु भक्ति के मूर्तिमान स्वरूप थे। एवं इनके अंत्येष्टि में इनके गुरु सहित इनके सारे गुरु भाई बहन एवं ग्राम कौंधकेरा के समस्त ग्रामवासी एवं इनके परिवार तथा खिलेश्वर आनंद जी महाराज के समस्त शिष्य गण एवं उनके मित्र मंडली उपस्थित होकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कीर्तन के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई । एवं इनका दाह संस्कार कर मौन धारण करते हुए आचार्य खिलेश्वर आनंद जी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया गया ।