लखीमपुर खीरी कांड : सवालों के घेरे में फंसा मंत्री का बेटा आशीष, देर रात हुई गिरफ्तारी

JJohar36garh News|उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले में हुई हिंसा के मामले में नामजद अभियुक्त केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बटे आशीष मिश्रा को बीते शनिवार रात 10:50 बजे गिरफ्तार कर लिया गया. उन्हें 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है. देर रात 12:48 बजे उसे जेल भेज दिया गया. उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) द्वारा द्वारा बनाई गई विशेष पर्यवेक्षण समिति के DIG उपेंद्र अग्रवाल ने पुलिस लाइन में स्थित क्राइम ब्रांच (Crime Branch) के ऑफिस के बाहर आकर बताया कि हत्यारोपी के तौर पर जांच में सहयोग न करने पर आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की गई है.

शनिवार देर रात आशीष की क्राइम ब्रांच ऑफिस में ही SDM की मौजूदगी में ही मेडिकल जांच कराई गई. वहीं, रात लगभग 12.30 बजे क्राइम ब्रांच के ऑफिस से निकालकर उसे ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. यहां पुलिस ने उसका 3 दिन के रिमांड की मांग की. इस पर आशीष मिश्रा के ए़डवोकेट ने इसका विरोध किया. ऐसे में ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने आशीष को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिए. फिलहाल इस मामले की अगली सुनवाई अब सोमवार को होगी.

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 पुलिस लाइन के क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचें आशीष मिश्रा

इससे पहले शनिवार की सुबह 10:40 मिनट पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू क्राइम ब्रांच ऑफिस के सामने अचानक हाजिर हो गए, जबकि उसके समर्थक उनके पिता के संसदीय ऑफिस के नीचे मौजूद थे. इस दौरान आरोपी आशीष मिश्रा के साथ लखीमपुर सदर विधायक योगेश वर्मा, अजय मिश्रा टेनी के प्रतिनिधि अरविंद सिंह संजय और जितेंद्र सिंह जीतू आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को लेकर पुलिस लाइन के क्राइम ब्रांच ऑफिस पहुंचें.

आशीष मिश्रा पर हत्या का केस दर्ज

वहां पर मौजूद DIG उपेंद्र अग्रवाल पहले से ही ऑफिस में मौजूद थे. आशीष मिश्रा के पेश हो जाने के बाद SP विजय ढुल, ASP अरुण कुमार सिंह मौके पर पहुंच गए. इसके अलावा पुलिस विशेष जांच कमेटी के सदस्य PAC सेनानायक सुनील सिंह, CO गोला संजय नाथ तिवारी आदि भी क्राइम ब्रांच के ऑफिस के अंदर चले गए. जिसके बाद पूछताछ शुरू हो गई. ये पूछताछ कई राउंड तक चली. पहले अन्य अधिकारियों ने आशीष मिश्रा से सवाल पूछे और उसके बाद DIG उपेंद्र अग्रवाल और पुलिस जांच कमेटी ने आशीष मिश्रा से हर वह सवाल पूछा, जिसका जवाब पुलिस तलाश रही थी.

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12 घंटे चला पूछताछ का सिलसिला

सूत्रों के मुताबिक, बंद कमरे के अंदर आशीष मिश्रा इस बात का सबूत बार-बार दे रहे थे कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. उन्होंने इस बात को साबित करने के लिए कई वीडियो भी पेश किए. इसके बाद पुलिस के सवालों का सिलसिला बढ़ता गया. कई राउंड की पूछताछ में 4-4 अधिकारियों ने मोनू से क्रॉस प्रश्न किए. जिसका जवाब देने के लिए आशीष मिश्रा मोनू को कई वीडियो सबूत पेश करने पड़े. साथ ही उन लोगों की कथित तौर पर दी गई गवाही के कागज भी पेश करने पड़े.