छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिला में एक घर से एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन से भी अधिक नाग सांप के बच्चे निकले, जिससे पूरा घर दहशथ में था, कोरबा से आई रेस्क्यू टीम में एक-एक करके सभी सांपों को घर का दीवाल तोड़कर बाहर निकाला, जिसके बाद उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया, पिछले कुछ दिनों से घर में प्रतिदिन सांप के बच्चे निकल रहे थे, जिसे घरवाले डर की वजह से मार देते थे क्योंकि यह अत्यंत जहरीला सांप कोबरा था, घटना नगरदा कुर्दा गांव की है.
नगरदा कुर्दा निवासी बृहस्पति कवर पिछले कुछ दिनों से काफी परेशान था, उसके घर के कमरे से लगातार सांप के बच्चे निकल रहे थे, दहशत इतनी थी की कमरे के आसपास भी किसी को भटकने नहीं दिया जाता था. इस बात की भनक बृहस्पति सिंह के रिश्तेदार को लगी जो कोरबा में रहता है, उसने कोरबा के स्नेक रेस्क्यू टीम के जितेंद्र सारथी को सारी बातें बताई, जिसके बाद जितेन्द्र अपनी टीम के साथ ग्राम नगरदा पहुचे, उन्होंने लगातार 8 घंटों की मेहनत के बाद घर से एक नहीं बल्कि एक दर्जन नाग साँप के बच्चे निकाले जिसे देखकर सभी हैरान हो गए।जिसके बाद घर वालों के साथ गांव वालों ने राहत की सास ली.
घर वालों ने बताया की ये कमरा काफ़ी लम्बे समय से बंद है और डर से हम सब अन्दर प्रवेश नहीं कर पा रहे, फिर लगे ताला को तोड़ा गया धीरे धीरे सभी सामान को कमरे से बहार निकाला गया और जहां से साप के बच्चे निकल रहें थे उस दिवाल को तोड़ा गया, जैसे जैसे दिवाल को तोड़ कर खुदाई करते गए वैसे वैसे दिवाल और नीचे ज़मीन से एक एक कर 12 बच्चें निकाले गए, 8 घण्टे के कड़ी मेहनत भरे रेस्क्यू में 12 नाग के बच्चें निकले, जिसके बाद घर वालों के साथ गांव वालों ने राहत की सास ली. जितेन्द्र सारथी और उनकी टीम का गाँववालों ने तालिया बजा कर के अभिवादन करते हुए प्रशंसा किया।
जितेन्द्र सारथी ने बताया ये रेस्क्यू अपने आप में एक चैलेंज था क्योंकि कोरबा से 52 किलोमीटर दूर ऊपर से 8 घण्टे की कड़ी मेहनत के बाद घर वालों को राहत दिलाना. साप और बच्चों की जान बचा पाना मेरे लिए गर्व का विषय हैं, अगर रेस्क्यू नहीं किया गया होता तो एक एक कर बच्चों को मार दिया गया होता, साथ ही घर वाले एक बड़ी दुर्घटना का शिकार हो जाते, रेस्क्यू के उपरांत दोनों की सुरक्षित कर लिया गया। उन्होंने बताया की यहां से केवल बच्चों को ही निकाला गया है जबकि उसकी माँ अंडे देने के बाद यहां से कहीं चली गई होगी.