पति ने लगाई फांसी, पत्नी समेत 8 गिरफ्तार, तांत्रिक के चक्कर में खाने में मिलाती थी राख, अलग रहने का बनाया था दबाव

तांत्रिक के चक्कर में आ कर पत्नी पति को खाने में राख मिलाकर देती थी और परिवार से अलग रहने के लिए दबाव बनती थी, जिससे परेशान हो कर नारनौल के विनय टिकानिया ने अपने चांदुवाड़ा स्थित घर पर दूसरी मंजिल के कमरे में पंखे पर रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट व भाई की शिकायत पर उसकी पत्नी समेत ससुराल पक्ष के आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

नारनौल में पंजाब नेशनल बैंक की पुल बाजार शाखा में बतौर लिपिक कार्यरत मोहल्ला चांदुवाड़ा निवासी विनय टिकानिया का सोमवार सुबह नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों ने पुलिस कार्रवाई उपरांत शव का पोस्टमार्टम कर दिया। पुलिस ने मृतक की जेब से मिले सुसाइड नोट व भाई की शिकायत पर उसकी पत्नी समेत ससुराल पक्ष के आठ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मृतक को दोपहर को रेवाड़ी रोड मोडावाला स्वर्ग आश्रम में अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

जानकारी के विनय टिकानिया ने रविवार को अपने चांदुवाड़ा स्थित घर पर दूसरी मंजिल के कमरे में पंखे पर रस्सी से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। हालांकि पता चलने पर परिजनों ने विनय को पंखे से उतारा और उसे तुरंत ही सिंघाना रोड स्थित एक निजी अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं से पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया गया, जिस पर पुलिस अस्पताल पहुंची। वहां से आवश्यक कार्रवाई एवं पोस्टमार्टम के लिए शव को नागरिक अस्पताल ले जाया गया। मृतक शहर के पुल बाजार स्थित पीएनबी की शाखा में कार्यरत था और उसका करीब डेढ़ साल का बेटा है।

पुलिस को दी शिकायत में मृतक के भाई जितेंद्र टिकानिया ने बताया कि उसके भाई विनय की शादी 25 जनवरी 2019 को गांव चेलावास निवासी ज्योति पुत्री ओमप्रकाश के साथ साधारण तरीके से हुई थी। आरोप है कि ज्योति और उसका परिवार अंधविश्वास में लिप्त है तथा बाबाओं के संपर्क में रहता है। अंधविश्वास के चलते ज्योति विनय के खाने में राख मिलाकर उसे खाना खिलाती थी और उससे लड़ाई-झगड़ा भी करती रहती थी। वह परिवार से अलग रहने का दबाव भी बनाती थी। यह सब बातें विनय परिवारवालों को बताता रहता था। वह कई बार बगैर विनय को बताए ही अपने मायके चली जाती थी और उसके परिवारवाले भी इसमें उसका साथ देते थे। अब गत 10 जुलाई को ही ज्योति अपने डेढ़-दो वर्षीय बेटे कबीर के साथ नारनौल आई थी, लेकिन वह कबीर को कभी कमरे से बाहर नहीं निकलने देती थी और न ही उससे परिवार वालों को मिलने देती थी।

विनय अपने बेटे को खेल-खिलाने की कोशिश करता तो पत्नी उसे हाथ भी नहीं लगाने देती थी। वह कहती थी कि अलग घर लेकर दो, तभी बच्चे और उसे हाथ लगाना। इतना ही नहीं, वह धमकी भी देती थी कि उसके भाई संदीप व सुधीर वकील हैं और उसे झूठे मुकदमे में फंसा देंगे और सारे परिवार को जेल में चक्की पीसनी पड़ेगी। ज्योति की बहन सुजाता विनय को काला-कलूटा और बदसूरत बताती थी और कहती थी कि उसकी वजह से उसकी बहन की किस्मत खराब हो गई। ज्योति की बुआ सुमन और मुन्नी भी उसे ताने देती थी। वह सभी विनय से उसकी तनख्वाह से सारे पैसे ज्योति को देने का दबाव बनाते थे। विनय अपनी सेलरी ज्योति को ही देने लगा था। इसके बावजूद भी उस पर मानसिक दबाव बनाया गया। जितेंद्र ने बताया कि उसका एक भाई राजीव आस्ट्रेलिया रहता है और ज्योति व उसके माता-पिता विनय पर ज्योति की छोटी बहन की शादी राजीव से करवाने का दबाव बनाते थे और उससे बहसबाजी करते थे। वह सभी मिलकर विनय को मानसिक एवं सामाजिक अत्याचार करके बदनाम करते रहते थे और इन्हीं सब लोगों ने मिलकर उसके भाई को मरने के लिए मजबूर किया है। यह सभी उसकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं।

कंट्रोल रूम से सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने नागरिक अस्पताल के शव गृह में मृतक के भाई जितेंद्र की मौजूदगी में शव की तलाशी ली। तब मृतक विनय की कैफरी की बाईं जेब से तीन पेज का एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें मृतक ने अपनी मौत के लिए पत्नी ज्योति, साले संदीप व सुधीर, साली सुजाता, सास सोना देवी, ससुर ओमप्रकाश, एवं ज्योति की बुआ सुमन व मुन्नी पर यातनाएं देकर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का उल्लेख किया है।

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